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दक्षिण चीन सागर में निकली चीन की हेकड़ी, अमेरिका पर नहीं चलाएगा पहले गोली


दक्षिण चीन सागर में निकली चीन की हेकड़ी, अमेरिका पर नहीं चलाएगा पहले गोलीदक्षिण चीन सागर में अमेरिकी जंगी जहाजों के चीन पर जोरदार दबाव का असर अब दिखने लगा है। कभी अमेरिका पर म‍िसाइल हमले की धमकी देने वाला चीन अब सैनिकों को शांति बरतने का निर्देश दे रहा है। चीन ने अपनी सेना पीपुल्‍स ल‍िबरेशन आर्मी को न‍िदेश दिया है कि तनाव के बीच अमेरिकी सैनिकों पर पहले गोली न चलाए। माना जा रहा है कि चीन ने अपने इस आदेश के जरिए अमेरिका के साथ तनाव करने की कोशिश की है। चीन का यह बदला हुआ रूप ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ताइवान की यात्रा पर हैं।
चीन को अमेरिका से सता रहा है बड़ा डर
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब दोनों ही देशों ने दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाके में अपनी सैन्‍य गतिविधियों को तेज कर दिया है। इससे दोनों ही परमाणु हथियार संपन्‍न राष्‍ट्रों के बीच जंग का खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते तनाव के बाद अब चीन अपने कदम पीछे खींच रहा है। उसे डर सता रहा है कि अमेरिका के कट्टरवादी धड़ा स्थिति को और ज्‍यादा बिगाड़ सकता है। इसी वजह से चीन ने अपने फाइटर पायलटों और नौसैनिकों को अमेरिकी युद्धपोतों और फाइटर जेट के साथ गतिरोध के दौरान संयम बरतने का निर्देश दिया है।

अमेरिकी युद्धाभ्‍यास, वार्ता की मेज पर आया ड्रैगन
इस बीच बताया जा रहा है कि चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों में पिछले सप्‍ताह वार्ता हुई है। अमेरिका ने इस वार्ता के लिए एक महीने पहले ही प्रस्‍ताव दिया था लेकिन चीन वार्ता से बच रहा था। अब दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी दबाव के बाद चीनी नेतृत्‍व को बातचीत के लिए झुकने को मजबूर होना पड़ा है। पिछले महीने अमेरिका ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर बैटल ग्रुप्‍स यूएसएस निमित्‍ज और यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन को इस इलाके में तैनात किया था। इन जंगी जहाजों ने न केवल चीन की समुद्री सीमा के पास युद्धाभ्‍यास किया था बल्कि उनके जासूसी विमानों ने ड्रैगन के गुआंडोंग और फूजियान प्रांतों के पास बेहद करीब से रात में निगरानी उड़ान भरी थी।

अमेरिकी युद्धपोतों ने बढ़ाई चीनी सेना की चिंता
अमेरिकी कार्रवाई के बाद चीन ने भी दक्षिण चीन सागर और ताइवान के पास में जंगी जहाजों और फाइटर जेट के साथ युद्धाभ्‍यास किया था। चीन ने अमेरिका के युद्धपोतों को सार्वजनिक रूप से भले ही ‘कागजी शेर’ करार दिया हो लेकिन सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी सेना के साथ दुर्घटनावश हो रहे संघर्ष को लेकर चीनी सेना काफी टेंशन में है। एक सूत्र ने कहा कि चीन ने कई माध्‍यमों से अमेरिका को संदेशा भेजा है कि इलाके में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वह पहले गोली नहीं चलाएगा। उन्‍होंने कहा, ‘गोली चलाने का आदेश देना आसान है लेकिन उसके बाद दोनों ही देश पूरे मामले को नियंत्रित नहीं कर सकते। वर्तमान स्थिति बहुत तनावपूर्ण और खतरनाक है।’

चीनी एयरफोर्स के सुखोई ने किया था जंग का अभ्‍यास
पिछले दिनों चीन के 5 में से 3 सैन्‍य इलाके की एयरफोर्स ने अमेरिका से तनाव को देखते हुए हवाई युद्ध की तैयारियों का अभ्‍यास किया था। इस दौरान दुश्‍मन के विमानों को चेतावनी देने का भी अभ्‍यास किया गया था। बताया जा रहा है क‍ि चीन के रूस न‍िर्मित सुखोई-30 और बमवर्षक विमानों एच-6 का यह अभ्‍यास करीब 10 घंटे तक चला। चीन के सरकारी रेड‍ियो चाइना नैशनल रेडियो ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दक्षिणी थिएटर कमांड ने दो बमवर्षक विमानों को दिन और रात में जंग के अभ्‍यास के लिए अज्ञात स्‍थान से भेजा। पिछले महीने भी चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि उसने दक्षिण चीन सागर में रात में लंबी दूरी तक बम बरसाने का अभ्‍यास किया था। इस दौरान कई डमी लक्ष्‍यों को बम गिराकर बर्बाद किया गया था। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया है कि उसके सुखोई-30 फाइटर जेट ने करीब 10 घंटे तक हवा में रहकर नया रेकॉर्ड बनाया है।