
कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को सऊदी अरब के टकराव भारी पड़ता जा रहा है। पाकिस्तान को अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बड़बोलेपन का खमियाजा चुकाना पड़ रहा है। पाकिस्तानी न्यूजपेपर ‘द न्यूज’ के मुताबिक इमरान खान सरकार से अब स्थिति संभाले नहीं संभल रही और हालात को कंट्रोल करने के लिए अब सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को अगले सप्ताह रियाद भेजा जाएगा । इस दौरे से इस्लामबाद में उम्मीद जगी है कि मतभेदों को जल्दी दूर कर लिया जाएगा। हालांकि सऊदी के रुख को देखकर यह कठिन मामला लगता है।
सऊदी ने इमरान खान की अपील पर दिए गए कर्ज को वापस मांग लिया है। सऊदी के पैकेज में 3 अरब डॉलर का लोन और 3.2 अरब डॉलर का तेल उधार देने का वादा किया था। मई में इसे खत्म कर दिया गया और बाद में सऊदी ने पाकिस्तान को पूरा लोन चुकाने को कह दिया। पाकिस्तान ने चीन से 1 अरब डॉलर का कर्ज लेकर सऊदी को दिया है।हालांकि, इसको लेकर अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस बीच जनरल बाजवा ने सऊदी राजदूत एडमिरल नवाफ बिन सैद अल-मलिकि से सोमवार को मुलाकात की। सेना ने मुलाकात के बाद बताया कि द्विपक्षीय मुद्दों, क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और द्विपक्षीय रक्षा मामलों पर चर्चा की गई है।
बता दें कि पिछले सप्ताह एक टीवी इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर सऊदी के नेतृत्व वाले इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा, ”यदि आप इसे नहीं बुला सकते हैं तो मुझे प्रधानमंत्री इमरान खान से कहना पड़ेगा कि उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाइए जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने को तैयार हैं।”बाद में विदेश मंत्रालय ने मंत्री के अल्टीमेटम का पालन किया । विदेशी कार्यालय ने उन सुझावों को खारिज कर दिया कि मंत्री का बयान राजनयिक मानदंडों के खिलाफ था।
बाद में विदेश मंत्रालय ने मंत्री की चेतावनी को ही दोहराया, जिससे संकेत मिला कि यह जल्दबाजी में दिया गया बयान नहीं था। विदेश मंत्रालय ने इस बात को खारिज किया कि मंत्री का बयान कूटनीति के खिलाफ है। विदेश मंत्री कुरैशी ने अपने बयान पर सफाई देने के लिए दो बार प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है लेकिन दोनों ही बार इसे कैंसल कर दिया गया। माना जा रहा है कि इमरान सरकार यह महसूस कर रही है कि सिर्फ प्रेस कॉन्फेंस में सफाई देने से ट्रैक से उतरे रिश्ते ठीक नहीं हो पाएंगे। इसलिए बाजवा को भेजने का फैसला किया गया है।
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