
चीन में बाढ़ से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। दक्षिण पश्चिम चीन के यांगट्जी नदी के ऊंचाई वाले इलाकों में अधिकारियों को एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा है। भीषण बाढ़ से यहां पर स्थित 1200 साल पुराने विश्व विरासत स्थल पर खतरा मंडराने लगा है। यूनेस्को के इस विश्व विरासत स्थल पर स्थित भगवान बुद्ध की 233 फुट ऊंची प्रतिमा (Leshan Giant Buddha) को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन बालू की बोरियां डाल रहा है और अन्य उपाय कर रहा है।
चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ की वजह से कीचड़ से भरा पानी वर्ष 1949 के बाद पहली बार सिचुआन प्रांत में स्थित भगवान बुद्ध की मूर्ति के अंगूठों तक पहुंचा है। हालांकि बुधवार को सिचुआन में बाढ़ में कुछ कमी आई और भगवान बुद्ध के अंगूठे फिर से नजर आने लगे। भूस्खलन की वजह से पड़ोसी यून्नान प्रांत में पांच लोग लापता हैं। इस भूस्खलन में इनका घर भी बर्बाद हो गया।
200 लोगों की मौत, करीब 25 अरब डॉलर का नुकसान
चीन में इस साल केवल बाढ़ की वजह से अब तक 200 लोगों की मौत हो गई है और करीब 25 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। सिचुआन में यांगट्जी नदी के जलस्तर के काफी बढ़ जाने के बाद अलर्ट का लेवल उच्चतम कर दिया गया था। प्रशासन का कहना था कि 5 मीटर तक पानी बढ़ सकता है। यांगट्जी नदी में बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए थ्री जॉर्ज डैम में पानी का स्तर रेकॉर्ड 72,000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से बढ़ गया।
माना जा रहा है कि थ्री जॉर्ज में पानी का आना गुरुवार को अपने उच्चतम स्तर 76,000 क्यूबिक प्रति सेकंड तक पहुंच सकता है। इस बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में भी जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसको देखते हुए थ्री जॉर्ज डैम प्रबंधन को मंगलवार को पानी छोड़ना पड़ा। चोंगकिंग शहर में वर्ष 1981 के बाद सबसे भीषण बाढ़ आया है।
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