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तो अपनी बहन को ही मरवाने की तैयारी में हैं किम जोंग उन? सत्ता संघर्ष से अटकलें तेज

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी बहन किम यो जोंग को मरवा सकते हैं। किम के गायब होने के दौरान उनकी बहन किम यो जोंग के हाथ में सत्ता की पूरी ताकत आ गई थी। अब जब किम जोंग उन एक बार फिर सामने आ गए हैं तो दोनों के बीच पॉवर शेयरिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शुरुआत में आशंका जताई जा रही थी कि किम जोंग उन की कोरोना या किसी दूसरे बीमारी के कारण मौत हो गई है। लेकिन, लगभग एक महीने के बाद वह फिर से दिखाई देने लगे हैं।

27 जुलाई से नहीं दिखी किम की बहन
एक्सप्रेस.को.यूके की रिपोर्ट के अनुसार, 27 जुलाई से किम जोंग की बहन को सार्वजनिक रूप से कहीं भी नहीं देखा गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि किम जोंग उन्हें मरवा सकते हैं। उत्तर कोरिया का यह तानाशाह पहले भी अपने प्रतिद्वंदियों से मुक्ति पाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना चुका है। वहीं किम जोंग उन सरकारी बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। हाल में ही उत्तर कोरिया के तूफान प्रभावित क्षेत्रों में घूमते हुए उनकी फोटो भी वायरल हुई थी।

हत्या नहीं करवा सकते किम जोंग, एक्सपर्ट का दावा
कोरिया विश्वविद्यालय के उत्तर कोरिया के विशेषज्ञ प्रोफेसर नेम सुंग-वू ने कहा कि हो सकता है कि किम जोंग के आने के बाद उनकी बहन ने सत्ता से अपने कदम वापस खींच लिया हो। वह भी किम परिवार की ही सदस्य हैं। ऐसे में किम जोंग उन्हें मरवाने की कोशिश आखिरी विकल्प के तौर पर ही करेंगे। ऑर्गनाइजेशन ऐंड गाइडेंस डिपार्टमेंट में किम यो जोंग के बढ़ते कद ने उन्हें वर्कर्स पार्टी के ब्यूरोक्रैट्स की नजरों में नॉर्थ कोरिया का नंबर 2 बना दिया है।

किम की बहन चला रहीं सबसे ताकतवर विभाग
दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री जियोन्ग कियोन्ग-डू ने दावा किया है किम यो जोंग ने सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की सेंट्रल कमिटी में ताकतवर विभाग का जिम्मा ले लिया है। जियोन्ग ने कहा कि किम का आधिकारिक टाइटल ‘फर्स्ट वाइस डायरेक्टर ऑफ दि ऑर्गनाइजेशन ऐंड गाइडेंस डिपार्टमेंट’ है। उन्होंने आगे कहा कि किम अमेरिका और दक्षिण कोरिया को लेकर उत्तर कोरिया की रणनीतियों को भी देखती हैं।

किम यो-जोंग पहली बार 2018 में चर्चा में आईं जब उन्होंने दक्षिण कोरिया का दौरा किया। वे किम वंश की पहली ऐसी सदस्य थीं जिन्होंने पहली बार दक्षिण कोरिया की धरती पर कदम रखा था। यहां वे शीतकालीन ओलंपिक में अपनी टीम के साथ आई थीं। इसी साल उन्हें कई बार किम जोंग उन के साथ मिलकर रणनीति बनाते हुए भी देखा गया।

अंग्रेजी अखबर मिरर के मुताबिक एक्सपर्ट्स इस बात की चेतावनी देते हैं कि किम यो जोंग बेहद क्रूर हैं। माना जाता है कि यो जोंग इस बात का फैसला करती थीं कि जोंग उन तक कौन से मुद्दे ले जाए जाने के लिए अहम हैं। कहा जाता है कि यो जोंग पार्टी के लोगों को उन्हें सम्मान और डर से पेश आने के लिए कहती थीं। नॉर्थ कोरिया की मीडिया हमेशा उनका जिक्र करती है क्योंकि वाइस डायरेक्टर का पद भले ही न मिला हो, हैसियत वही है।

ऑर्गनाइजेशन ऐंड गाइडेंस डिपार्टमेंट में किम यो जांग के बढ़ते कद ने उन्हें वर्कर्स पार्टी के ब्यूरोक्रैट्स की नजरों में नॉर्थ कोरिया का नंबर 2 बना दिया। OGD में उन्हें अहमियत मिलना इस बात का भी सबूत है कि कई साल से उन्हें इसके लिए तैयार किया जा रहा था कि जोंग उन को कुछ होता है तो यो जोंग उनकी जगह लेने के लिए ढल चुकी हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक किम यो जोंग ने हमेशा अपने भाई के पीछे रहते हुए अपनी खुद की जगह बनाई है। उन्होंने कभी आगे आकर किसी तरह की प्रतियोगिता को पैदा करने की कोशिश नहीं की। जोंग उन ने भी बहन के कद को समय-समय पर बढ़ाया। शायद यही वजह रही कि किम अहम राजनीतिक और डिप्लोमैटिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रहीं।

उत्‍तर कोरिया के लाइव फायर मिलिट्री अभ्‍यास का दक्षिण कोरिया ने विरोध किया तो किम यो जोंग ने कहा था कि ‘डरे हुए कुत्‍ते भौंक रहे हैं।’ इससे पहले मार्च महीने में किम यो जोंग ने सार्वजनिक रूप से अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की पत्र भेजने के लिए प्रशंसा की थी। उन्‍होंने आशा जताई थी कि उत्‍तर कोरिया और अमेरिका के बीच संबंध बेहतर होंगे।

उत्‍तर कोरियाई मामलों के जानकार लिओनिड पेट्रोव कहते हैं, ‘किम यो जोंग की अपने भाई तक सीधी पहुंच है। यही नहीं उत्‍तर कोरियाई शासक पर उनकी बहन का गहरा प्रभाव है। किम यो जोंग को अपने भाई के बारे में सब पता है। किम यो जोंग अपने भाई की सबसे वफादार हैं और विदेशियों और दक्षिण कोरिया से डील करती हैं। किम यो जोंग अपने भाई की सकारात्‍मक छवि दुनिया में बनाने का काम करती हैं।’

2018 में पहली बार चर्चा में आईं
किम यो-जोंग पहली बार 2018 में चर्चा में आईं जब उन्होंने दक्षिण कोरिया का दौरा किया। वे किम वंश की पहली ऐसी सदस्य थीं जिन्होंने पहली बार दक्षिण कोरिया की धरती पर कदम रखा था। यहां वे शीतकालीन ओलंपिक में अपनी टीम के साथ आई थीं। इसी साल उन्हें कई बार किम जोंग उन के साथ मिलकर रणनीति बनाते हुए भी देखा गया। किम यो जोंग बेहद क्रूर हैं। माना जाता है कि यो जोंग इस बात का फैसला करती थीं कि जोंग उन तक कौन से मुद्दे ले जाए जाने के लिए अहम हैं। कहा जाता है कि यो जोंग पार्टी के लोगों को उन्हें सम्मान और डर से पेश आने के लिए कहती थीं। नॉर्थ कोरिया की मीडिया हमेशा उनका जिक्र करती है क्योंकि वाइस डायरेक्टर का पद भले ही न मिला हो, हैसियत वही है।