
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे अपने करीबी अधिकारी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। सूचना सलाहकार रिटायर्ड जनरल असीम सलीम बाजवा के ऊपर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए अपने परिवार को व्यापार में मदद की। इन आरोपों के सामने आने के बाद बाजवा ने पीएम के सहायक के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था। हालांकि, इमरान ने उनसे पद पर बने रहने के लिए कहा है।
बाजवा के सबूतों से संतुष्ट हैं इमरान
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने बताया है कि खान ने इस मामले में बाजवा की ओर से दिए गए सबूतों पर संतुष्टि जाहिर की है। उन्होंने बाजवा से सूचना और प्रसारण के SAPM के तौर पर काम करते रहने के लिए भी कहा है। सीनेटर फैजल जावेद खान ने भी इस बारे में जानकारी दी है। कुछ दिन पहले पत्रकार अहमद नूरानी ने दावा किया था कि बाजवा ने अपने पद का इस्तेमाल करते हुए अपनी पत्नी, बेटों और भाइयों के लिए बिजनस सेट कराए।
पत्रकार अहमद नूरानी ने लगाए थे आरोप
इस आरोप पर करीब एक हफ्ते चुप रहने के बाद बाजवा ने कहा था कि वह पीएम के सहायक के पद से इस्तीफा दे रहे हैं कि लेकिन चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) अथॉरिटी के चेयरमैन बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पास परिवार की संपत्ति के कागज हैं और न्यायपालिका के सामने पेश करने के लिए वह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ये आरोप उनकी छवि को खराब करने के लिए लगाए गए हैं।
4 देशों में फैला है बाजवा का साम्राज्य
बाजवा पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता थे और बाद में रिटायर होने पर चीन से करीबी को देखते हुए सीपीईसी के चेयरमैन बना दिए गए। बाजवा के परिवार ने उनके सेना में रहने के दौरान और उसके बाद अब तक 99 कंपनियां और 133 रेस्टोरेंट बना लिए हैं। फैक्ट फोकस की रिपोर्ट के मुताबिक बाजवा और उनके परिवार का यह आर्थिक साम्राज्य 4 देशों में फैला हुआ है। फैक्ट फोकस वेबसाइट ने जब यह बड़ा खुलासा किया तो कुछ देर के लिए उनकी वेबसाइट ही हैक हो गई। हालांकि बाद में उसे ठीक कर लिया गया।
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