
रूस ने एक ऐसी परमाणु मिसाइल को विकसित कर रहा है, जो कई साल तक अंतरिक्ष में धरती का चक्कर लगा सकती है। आदेश मिलते ही यह मिसाइल दुनिया के किसी भी कोने को पल भर में नेस्ताबूत करने में सक्षम है। रूस ने इस मिसाइल को 9M730 Burevestnik नाम दिया है, जिसे ब्रिटेन और अमेरिका में स्काईफॉल मिसाइल के नाम से जाना जाता है।
अंतरिक्ष से धरती के किसी भी हिस्से में कर सकता है हमला
ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस इंटेलिजेंस, लेफ्टिनेंट जनरल जिम हॉकेनहुल ने चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस एक सबसोनिक न्यूक्लियर पॉवर्ड क्रूज मिसाइल सिस्टम को विकसित कर रहा है। यह मिसाइल दुनिया के किसी भी हिस्से को निशाना बनाने में सक्षम है। हम जिस दिशा से इसके आने के बारे में सोच भी नहीं सकते, यह मिसाइल उस दिशा से हम पर हमला कर सकती है। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल लगभग अनिश्चित समय तक अंतरिक्ष में रह सकती है।
रूस और चीन पर लगाया अंतरराष्ट्रीय संधि तोड़ने का आरोप
उन्होंने पश्चिमी देशों से अपील करते हुए कहा कि उन विरोधियों के साथ तालमेल बनाए रखना होगा जो नियमों से काम नहीं करते। उन्होंने रूस और चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि ये दोनों देश सीधी लड़ाई को छोड़कर मौजूदा समय में अपनी ताकत को बढ़ाकर दूसरे देशों को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सामने पारंपरिक खतरे बने हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संधियों की सीमा को लांघ रहा है।
2025 तक लॉन्चिंग की तैयारी में रूस
कई विशेषज्ञों ने कहा है कि यह मिसाइल कई साल तक धरती की परिक्रमा करने में सक्षम होगी। जब भी रूस की डिफेंस कमांड इसे हमले का आदेश देगा, यह मिसाइल तुरंत ही निर्धारित लक्ष्य पर परमाणु हमला कर सकती है। पिछले साल आई रिपोर्ट में कहा गया था कि यह मिसाइल 2025 तक लॉन्च करने के लिए तैयार हो जाएगी।
ब्रह्मोस उपक्रम के संयुक्त निदेशक अलेक्जेंडर मिकोशेव ने बताया कि ब्रह्मोस का नया वैरियंट 2024 तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि नई मिसाइल एक साथ कई निशानों को साधने में सक्षम होगी। उन्होंने पहले ही बताया था कि भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस को इस मिसाइल के एयर वैरियंट से लैस किया जाएगा।
भारत और रूस पहले से ही इस सुपरसोनिक मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 600 किलोमीटर करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस मिसाइल की रेंज बढ़ने से भारत की मारक क्षमता में बढ़ी वृद्धि होगी। ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, लड़ाकू विमान से या जमीन से दागा जा सकता है।
किसी भी मिसाइल की स्पीड बढ़ाने के लिए अब रैमजेट इंजन का प्रयोग किया जा रहा है। भारत की सबसे तेज मिसाइल ब्रह्मोस में भी यही इंजन लगा हुआ है। इसकी मदद से मिसाइल की स्पीड तीन गुना तक तेज हो जाती है। अगर किसी मिसाइल की क्षमता 100 किमी दूरी तक है तो उसे रैमजेट इंजन की मदद से 320 किमी तक किया जा सकता है।
ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल को रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है।
ब्रह्मोस मिसाइल के एयर लॉन्च वर्जन को जल्द ही सुखोई 30 एमकेआई और स्वदेशी एलसीए तेजस विमान में लगाया जाएगा। इन विमानों के कई बार इस मिसाइल का फायर टेस्ट किया जा चुका है। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता290 किलोमीटर है।
पुतिन ने इस मिसाइल की तारीफ की
दावा किया गया है कि व्लादिमीर पुतिन ने इस मिसाइल को असीमित रेंज और युद्धाभ्यास की असीमित क्षमता वाला बताया है। उन्होंने इसे हथियार का नया प्रकार भी कहा है। ब्रिटिश खुफिया प्रमुख ने कैम्ब्रिजशायर के आरएएफ वायटन में फाइव आइज़ इंटेलिजेंस हब की बैठक में यह जानकारी दी। फाइव आईज एक खुफिया गठबंधन है जिसमें यूके, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के विशेषज्ञ शामिल हैं।
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