
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन सैन्य तनाव पर दोनों देशों के बीच वार्ताओं का दौर चला। इसे लेकर भारत के रक्षा मत्री राजनाथ सिंह के बयान पर चीन ने फिर अपना रूप दिखाया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वान्ग येनबिन का कहना है कि चीन हालिया सीमा तनाव के लिए जिम्मेदार नहीं है, भारत ने एकपक्षीय तरीके से यथास्थिति बदली और गोलियां चलाई हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, ‘भारत को अपनी गलत गतिविधियां ठीक करनी चाहएं, जमीन पर सेना को पीछे करना चाहिए और भारत-चीन सेना पर तनाव कम करने की कोशिश करनी चाहिए।’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को लोकसभा में बताया था कि किस तरह चीनी सैनिकों ने यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश की।
‘भारत को लेना है ऐक्शन’
वान्ग से जब पूछा गया कि चीन अप्रैल की यथास्थिति में क्यों नहीं लौट सकता तो इस पर उन्होंने कहा, ‘सीमा पर चीन की स्थिति साफ और एक सी है। भारतीय पक्ष ने समझौता तोड़ा और गोलियां चलाईं और अब भारत को ऐक्शन लेना है। मॉस्को में दोनों देशों के बीच 5 बिंदुओं पर समझौता हुआ।’ वान्ग ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस समझौते का पालन करेगा और द्विपक्षीय संबंध में सीमा के मुद्दे को उचित स्थान देगा।’
लद्दाख में तनाव: तिब्बत में युद्धाभ्यास में जुटा चीन, एलीट पैरा स्पेशल फोर्स को किया तैनात
चीन की सरकारी मीडिया सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत मिलिट्री एरिया कमांड के एक विशेष ऑपरेशन ब्रिगेड और ऑर्मी एविएशन ब्रिगेड ने मिलकर स्पेशल पैरा कमांडो टीम को हाई एल्टीट्यूड से जंप करने की ट्रेनिंग दी। इस रिपोर्ट में ट्रेनिंग की जगह का खुलासा नहीं किया गया है। इस अभियान में अबतक 300 सैनिकों को ट्रेनिंग दी गई है।
भारत और चीन के बीच तनाव वाला इलाका अत्याधिक ऊंचाई पर स्थित है। इन इलाकों में आवागमन के साधन और रास्तों का भी अभाव हैष ऐसे में अगर युद्ध जैसी परिस्थितियां बनती हैं तो जल्द से जल्द सैनिकों की तैनाती हवाई मार्ग से ही की जा सकती है। ऐसे में हर देश अपनी सेना में एक खास पैराशूट ब्रिगेड जरूर रखती है। इसमें शामिल जवान अत्याधिक ऊंचाई से पैराशूट के सहारे मिशन वाले इलाके में जल्द से जल्द पहुंच सकते हैं।
सीसीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में भारत के साथ तनाव का जिक्र नहीं किया। लेकिन, उसके रिपोर्ट का पूरा सार तिब्बत क्षेत्र में चीनी पीएलए को मजबूती देना रहा। PLA के सेंट्रल थिएटर कमांड के एक आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर शियान Y-20 एयरलिफ्ट जहाज की तस्वीर पोस्ट की गई है। इनके साथ तीन शियान H-6 स्ट्रेटजिक बॉम्बर भी उड़ान भरते दिखाई दे रहे हैं।
सीसीटीवी ने अगस्त में ही एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के Y-20 एयरलिफ्ट जहाजों की सहायता से पैराट्रूपर्स की टीम और उनके भारी साजो सामान को पहले ही भारत से लगी सीमा पर पहुंचाया जा चुका है। इसमें 107 मिलीमीटर के मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर शामिल थे। इनकी रेंज 8 किलोमीटर की मानी जाती है। ये हथियार पैराट्रूपर्स की पहली पसंद माने जाते हैं, क्योंकि वजन में हल्के होने के कारण इन्हें आसानी से कहीं भी तैनात किया जा सकता है।
हांगकांग के सैन्य विशेषज्ञ सांग झोंगपिंग ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पोल खोलते हुए कहा कि चीन ने अपनी सेना की अलग-अलग इकाइयों से पैराशूट ट्रेनिंग के लिए स्पेशल फोर्स को बुलाया है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि चीन संभावित युद्ध की तैयारी कर रहा है। उधर भारतीय फौज पहले से ही माउंटेन वॉरफेयर और ऊंचाईयों पर युद्ध लड़ने में माहिर है।
उन्होंने चीनी सेना की पोल खोलते हुए कहा कि उनके सैनिक इस इलाके में रहने के आदि नहीं हैं। अगर अत्याधिक ऊंचाई वाले इलाके में एयरड्राप किया गया तो पतली हवा होने के कारण इन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यहां तैनात हथियारों को भी ऊंचाई और परिस्थिति के हिसाब से चीनी सेना को ढालना पड़ेगा।
वान्ग ने अपने बयान में यह भी कहा है कि सीमा पर टकराव खत्म करना और हालात सामान्य करना भारत की जिम्मेदारी है। चीन भारत के साथ काम करते हुए कूटनीतिक और सैन्य तरीकों से शांति स्थापित करने के लिए तैयार है।
‘चीन की वजह से फेसऑफ’
इससे पहले संसद में राजनाथ ने बताया था, ‘अप्रैल माह से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके हथियारों में इजाफा देखा गया। मई महीने के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारे सैनिकों के परंपरागत पैट्रोलिंग पैटर्न में रुकावट डाली जिससे फेसऑफ की स्थिति पैदा हुई।’
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