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पहली बार मिला मृत तारे का चक्कर काटने वाला ग्रह, WD 1856 b पर 1.4 दिन का होता है एक साल


वैज्ञानिकों ने पहली बार बृहस्पति (Jupiter) के आकार के एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जो पृथ्वी से लगभग 80 प्रकाश वर्ष दूर एक सफेद और छोटे या मृत तारे (White Dwarf Star) के चक्कर लगा रहा है। इस खोज से संबंधित खबर ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इस ग्रह को WD 1856 b नाम दिया गया है। जिस तरह का यह सितारा है उससे यह सवाल वैज्ञानिकों के सामने है कि कैसे यह ग्रह बचा रहा।
1.4 दिन का एक साल
यह हर 34 घंटे में छोटे तारे का चक्कर लगा रहा है। अमेरिका के कंसास विश्वविद्यालय के सहायक प्रफेसर इयन क्रॉसफील्ड ने बताया है, ‘यह ग्रह लगभग बृहस्पति के आकार का है, लेकिन इसकी परिक्रमा अवधि बहुत कम है और इस ग्रह पर एक वर्ष केवल 1.4 दिन का होता है।’ क्रॉसफील्ड ने कहा, ‘इस खोज से पता चलता है कि श्वेत छोटे तारों के भी अपने ग्रह हो सकते हैं जिसके बारे में अब तक हमें जानकारी नहीं थी।’

मंगल पर 15 साल से नजर रख रहा NASA का MRO, शानदार तस्वीरों में दिखा लाल-ग्रह का हर रंग
HiRISE ने यह तस्वीर मंगल की सतह से 185 मील (करीब 297) किलोमीटर ऊपर से ली है। इसमें एक विशाल धूल का तूफान दिख रहा है। इसकी छाया के आधार पर पाया गया है कि इसकी ऊंचाई आधे मील से ज्यादा, करीब 800 मीटर तक होगी। यह धरती की सबसे ऊंची इमारत संयुक्त अरब अमीरात के बुर्ज खलीफा जितना हुआ।

मंगल का वायुमंडल बेहद कम घना है। इसलिए स्पेस से गिरने वाला मलबा या उल्कापिंड सीधे सतह पर पहुंच जाते हैं। CTX ने अब तक ऐसे 800 क्रेटर देखे हैं। यह तस्वीर भी HiRISE ने ली है। इस क्रेटर का डायमीटर 100 फीट (30 मीटर) है और इसके आसपास बड़े क्षेत्र में ब्लास्ट जोन बन गया है। इससे निकला मैटर 9.3 मील (15 किमी) तक गया है।

पहले माना जाता था कि मंगल पर वायुमंडल नहीं होने की वजह से यहां रेत या धूल में हलचल भी नहीं होती होगी लेकिन सालों तक MRO से उसे ऑब्जर्व करने के बाद खूबसूरत पैटर्न पाए गए। MRO की डेप्युटी प्रॉजेक्ट साइंटिस्ट लेज्ली टंपारी बताती हैं कि मंगल से मिलीं तस्वीरों में रंग भरकर धूल की वजह से बने टीलों और तरंगों को समझा जा सकता है। हवा के साथ इनमें से कई अपनी जगह बदलते रहते हैं।

मंगल के दो चांद हैं- फोबोस (Phobos) और डीमोस (Deimos)। फोबोस सिर्फ 13 मील (21) किमी दूर ही है। HiRISE की ली इस तस्वीर में फोबोस का Stickney Crater देखा जा सकता है जो 5.6 मील (9 किमी) चौड़ा है। फोबोस को लेकर वैज्ञानिकों के मन में कई सवाल हैं कि आखिर यह है क्या? क्या यह एक रुका हुआ ऐस्टरॉइड है या मंगल का टूटा हुआ हिस्सा है? जापान जल्द ही अपना मिशन फोबोस पर भेजेगा और मंगल पर कदम रखने से पहले फोबोस पर भी उतरा जा सकता है।

MRO ने मंगल पर रहते हुए सिर्फ लाल ग्रह पर नजर नहीं रखी है। कभी-कभी वह वापस अपने घर की ओर भी देख लेता है। ऐसा ही कुछ इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है। HiRISE की तस्वीरों के 4 सेट से धरती और चांद की यह एक तस्वीर बनाई गई है। यह दूसरी बार था जब HiRISE ने धरती की तस्वीर ली थी।

सितारे से बड़ा है ग्रह
White Dwarf Star ऐसे सितारे का अवशेष होता है जो पहले Red Giant में तब्दील हुआ और फिर पृथ्वी के आकार के घने Core में समा गया। यह ग्रह सितारे से कहीं ज्यादा बड़ा है। आमतौर पर जैसे यह सितारा मरा है, वैसा होने पर उसके आसपास के ग्रह भी खत्म हो जाते हैं लेकिन WD 1856 b के साथ ऐसा नहीं हुआ। क्रॉसफील्ड का कहना है कि लोग White Dwarf Star के चक्कर लगा रहे ग्रहों को खोज रहे हैं जहां जीवन की उम्मीद हो। यह काफी अजीब है और यह रहस्य है कि कैसे यह ग्रह अभी तक बचा रहा।