
कोरोना वायरस वैक्सीन की रेस में सबसे आगे चल रही ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca की AZD1222 के अमेरिका में ट्रायल अभी भी रुके हुए हैं। अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक मरीज में हुए साइड इफेक्ट्स की जांच के लिए ग्लोबल ट्रायल को रोक दिया है। अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव एलेक्स अजार ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी है।
‘सुरक्षा के प्रति गंभीर’
अजार ने बताया है कि अमेरिका के बाहर ट्रायल शुरू हो चुके हैं लेकिन जांच अभी जारी है। उन्होंने कहा था कि इससे सुरक्षा के प्रति गंभीरता पता चलती है। इससे पहले AstraZeneca ने ब्रिटेन में हरी झंडी मिलने के बाद वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों को फिर से शुरू किया है। कंपनी बताया था कि MHRA के परीक्षण को सुरक्षित बताए जाने के बाद AstraZeneca-ऑक्सफर्ड ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस की वैक्सीन के परीक्षण को बहाल कर दिया है।
भारत में भी हरी झंडी
भारत में भी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) डॉक्टर वीजी सोमानी ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को ऑक्सफर्ड के कोविड-19 वैक्सीन (Oxford-AstraZeneca Covid-19 Vaccine) के दोबारा ट्रायल शुरू करने को हरी झंडी दे दी। हालांकि डीसीजीआई ने इसके लिए जांच के दौरान अतिरिक्त ध्यान देने समेत कई दूसरी शर्तें रखी हैं।
ऑक्सफर्ड की कोविड वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट में शुरू हो गया है। एक अधिकारी ने बताया कि 150 से 200 लोगों को डोज दी जाएगी। सीरम इंस्टिट्यूट ने ब्रिटिश-स्वीडिश ऐस्ट्राजेनेका कंपनी से करार किया है। कुछ दिन पहले इसका ट्रायल रुक गया था लेकिन फिर से शुरू हो गया।
रूस का गमलेया रिसर्च इंसटिट्यूट भी वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल कर रहा है। हालंकि उसने अगस्त में स्पूतनिक वी वैक्सीन को लॉन्च भी करत दिया। भारत के डॉ. रेड्डीज लैब ने इस वैक्सीन के लिए करार किया है औऱ कंपनी ने 10 करोड़ डोज उपलब्ध करवाने का वादा किया है।
जॉनसन ऐंड जॉनसन की फार्मा कंपनी ने अभी तीसरे चरण का ट्रायल शुरू नहीं किया है लेकिन जल्द शुरू करने की योजना बना रही है। कंपनी ने ब्रिटेन के साथ समझौता किया है जिसके तहत ब्रिटेन को 10 करोड़ खुराक दी जाएगी।
मॉडर्ना की वैक्सीन का भी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। यह एक अमेरिकी कंपनी है। इसके ट्रायल में 30 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। कंपनी ने दिसंबर तक वैक्सीन उपलब्ध करवाने की योजना बनाई है।
चीन की कंपनी कैन्सिनो ऑफ बायोलॉजिक्स की वैक्सीन Ad5-nCoV का भी ट्रायल आखिरी चरण में है। वैज्ञानिकों को कहना है कि वैक्सीन दिसंबर तक बाजार में आ सकती है। इसके अलावा चीन में सिनोवैक बायोटेक फार्मा कंपनी की कोरोनावैक वैक्सीन का भी ट्रायल चल रहा है। साल के आखिरी तक इस वैक्सीन को बाजार में उतारने का दावा किया जा रहा है।
इसलिए रुका था ट्रायल
वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर में ट्रांसवर्स मायलाइटिस की कंडीशन पैदा हो गई थी। इसमें रीढ़ की हड्डी में सूजन हो जाती है जो इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है। हालांकि, AstraZeneca के सीईओ पास्कल सॉरियट ने वैक्सीन के जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद जताई थी। उनका कहना है कि यह वैक्सीन इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक आ सकती है।
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