
उरी आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय मंच पर घेरने की रणनीति बना रहा है। शुरुआती दौर में भारत को सफलता मिलती दिख रही है जब रूस ने पाकिस्तान के साथ होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास तथा रक्षा सौदे को रद्द कर दिया। अमेरिका समेत समूचा विश्व उरी हमले की निंदा कर रहा है तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ खड़ा है। इस बीच भारत सरकार ने पाकिस्तान को घेरने के लिए पांच बड़े फैसले लिए है।
प्लान नंबर एक
पाकिस्तान से लगती सीमा पर सेना के कैम्पों की सुरक्षा अब पैरा कमांडों के हाथों में होगी। बता दें वायु सेना की हवाई पट्टियों की सुरक्षा गरुड़ पैरा कमांडो फोर्स करती है जबकि नौसेना के लिए यह काम मारकोस कमांडो के हाथों में है। भारतीय सेना की क्रीम माने जाने वाले पैरा कमांडो की दुनिया में सबसे लंबी और सबसे मुश्किल ट्रेनिंग होती है।
प्लान नंबर दो
पाकिस्तान की बैट यानी बॉर्डर एक्शन टीम के मुकाबले के लिए सेना की घातक बटालिन की पोस्टिंग करने पर भी विचार किया जा रहा है। घातक बटालियन सेना की स्पेशल फोर्स है। ये एनएसजी, एसपीजी, एसपीएफ और फोर्सवन की तरह अलग विंग नहीं है बल्कि हर बटालियन के कुछ चुनिंदा जवानों को कमांडो जैसी ट्रैनिंग देकर घातक का गठन किया जाता है।
प्लान नंबर तीन
सीमा पार से लगातार बढ़ रही घुसपैठ के मद्देनजर एलओसी और बॉर्डर की निगरानी के लिए ज्यादा सुरक्षाबल की तैनाती की जाएगी। जीपीएस की जांच से पता लगेगा कि आतंकी पाकिस्तान में कहाँ से चले और घुसपैठ कहाँ से हुई और कब घुसपैठ की। इतना ही नहीं एनआईए पहली बार नेशनल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट की मदद लेगा। सैटेलाइट से मिली तस्वीर से पता लग सकता है कि एक साथ कितने आतंकियों ने घुसपैठ की थी और कहां से अलग जत्थे में आकर हमले को अंजाम दिया।
प्लान नंबर चार
पाकिस्तान से लगने वाली पूरी एलओसी की निगरानी के लिए अब सेना ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। अभी तक केवल कुछ संवेदनशील इलाकों तक ही इनका प्रयोग सीमित रहा है।
प्लान नबंर पांच
उरी जैसे हमलों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से आए आतंकियों के खात्मे के लिए सेना का सफाई अभियान शुरू किया जाएगा। सेना ऑपरेशन और निगरानी के लिए इसरो से सैटेलाइट इमेजरी की मदद भी ले रही है। सेना ने पाकिस्तान से होने वाली किसी भी करवाई के जवाब में किसी भी सीमा तक जाने के निर्देश दिए है।
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