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बस के आकार का ऐस्टरॉइड 2020SW धरती के पास से गुजरा, अब 2029 में आएगा वापस


पिछले हफ्ते खोजा गया ऐस्टरॉइड हाल ही में धरती के करीब से गुजरा और अब यह 2029 में हमारे करीब आएगा। लाइव सांइस के मुताबिक 24 सितंबर को यह सोलर सिस्टम के किनारे से निकला। 2020SW को 18 सितंबर को ही खोजा गया था। अब इसके 3 जून, 2029 को ही धरती के करीब आने की संभावना है और इससे किसी प्रकार के नुकसान की आशंका नहीं है।
बस जितना आकार
जानकारी के मुताबिक इसकी धरती से दूरी 22,000 किमी थी जो टीवी-मौसम की सैटलाइट से भी ज्यादा करीब है। इसका आकार कितना है, इसे लेकर अभी पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सका है। हालांकि, अंदाजे के मुताबिक यह 14-32 फीट के बीच हो सकता है। यह किसी बस जैसा है। इसकी गति 7.7 किमी प्रतिसेकंड की रही होगी।

ऐस्टरॉइड Bennu पर खोज
इससे पहले अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA (नैशनल ऐरोनॉटिक्स ऐंड स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन) ने ऐस्टरॉइड Bennu पर कुछ खोज की थी। Bennu की सतह पर एक और ऐस्टरॉइड के टुकड़े मिले हैं। OSIRIS-REx नाम का स्पेसक्राफ्ट Bennu की सतह को मैप कर रहा है। Bennu ऐसा ऐस्टरॉइड है जिसके धरती से टकराने की आशंका वैसे तो कम है लेकिन अगर ऐसा हुआ भी तो यह साल 2175 से 2199 के बीच होगा।
इसके बाद वैज्ञानिक इसको स्टडी करने में लग गए कि अगर ऐसा होता है तो इस घटना का क्या असर होगा। अभी तक के अनुमान के मुताबिक यह Asteroid 16 मार्च, 2880 में धरती के इतने करीब आएगा कि टक्कर की संभावना पैदा होगी। हालांकि, इसकी संभावना बेहद कम है लेकिन इतिहास में इतने विशाल Asteroid की टक्कर धरती से हुई है जिसके भयावह नतीजे भी हुए हैं। इसलिए वैज्ञानिक इसे स्टडी कर रहे हैं। वहीं, Asteroids के रास्ते पर कई कारणों से फर्क भी पड़ सकता है। सूरज की गर्मी से इनके जलने पर निकलने वाली ऊर्जा एक थ्रस्ट की तरह काम करती है जो इनके रास्ते को बदल सकती है। ऑर्बिटल मकैनिक्स के सिद्धांतों की मदद से वैज्ञानिकों के लिए यह पता लगाना मुमकिन हो जाता है कि Asteroid कब पृथ्वी के पास से गुजरेगा। (Photo: NASA)
अगर यह Asteroid वाकई में धरती से टकराता है तो हो सकता है कि यह किसी महासागर में आ गिरे क्योंकि पृथ्वी का बड़ा हिस्सा पानी ही है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैंटा क्रूज के वैज्ञानिकों ने एक Computer Simulation के जरिए इस टक्कर का मॉडल तैयार किया है। उनके मुताबिक अगर यह Asteroid अटलांटिक महासागर में गिरा तो 400 फीट ऊंची सुनामी की लहरें पैदा हो सकती हैं। संस्थान के रिसर्चर स्टीवन वॉर्ड ने इस बारे में बताया था कि डायनोसॉर्स के निशान को धरती से खत्म करने वाले Asteroid की टक्कर के बाद से 1950 DA जैसे Asteroids कम से कम 600 बार धरती पर आ चुके हैं। (Photo: UCSC)
इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने सबसे पहले यह पता लगाया कि यह ऐस्टरॉइड धरती के किस हिस्से के करीब होगा। अभी तक के कैलकुलेशन के मुताबिक यह अमेरिकी तट से करीब 360 मील दूर अटलांटिक महासागर में होगा। डॉ वॉर्ड बताते हैं कि करीब 60 हजार मेगाटन का Asteroid टक्कर के बाद जल जाएगा और इसका इंपैक्ट इतना भयानक होगा कि 11 मील की चौड़ाई में महासागर के तले तक गड्ढा बन जाएगा। इस गड्ढे में जैसे जैसे पानी भरेगा, उससे बनने वाले रिंग्स हर दिशा में लहरें पैदा करेंगे। पहले ये लहरें छोटी छोटी होंगी और फिर 3-4 मिनट के अंतराल पर ये बेहद विशाल होती जाएंगी। (Photo: UCSC)
यहां तक कि टक्कर के दो घंटे बाद ये Cape Cod से Cape Hatteras तक 400 फीट ऊंची होकर और चार घंटे बाद पूरे पूर्वी तट पर 200 फीट ऊंची होकर पहुंचेंगी। आठ घंटे बाद ये यूरोप पहुंच जाएंगी और इनकी ऊंचाई तब 30-40 फीट होगी। NASA का अनुमान है कि साल 3000 तक आने वाली किसी भी आपदा के मुकाबले 1950DA से धरती को 50 प्रतिशत ज्यादा खतरा है। (Photo: UCSC)

साल 2002 में NASA के वैज्ञानिकों ने पाया था कि इस Asteroid के धरती से टकराने की 0.33 प्रतिशत संभावना है। हालांकि, समय के साथ यह खतरा कम होता पाया गया है और 2015 में अपेडट किए गए आकलन के मुताबिक इसके आने की संभावना 0.012% ही है। वहीं, एजेंसी का कहना है कि अगले साल 5 फरवरी को यह Asteroid धरती के करीब आएगा और तब पता चलेगा कि भविष्य में जब इसकी धरती से दूरी और कम हो जाएगी तो इससे टक्कर की कितनी संभावना होगी। (Photo: UCSC)

22 ऐस्टरॉइड्स पर NASA की नजर
अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक ऐसे करीब 22 ऐस्टरॉइड्स (उल्कापिंड) हैं जो आने वाले सालों में धरती के करीब आ सकते हैं और टक्कर की संभावनाएं हो सकती हैं। अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं। NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है।