Thursday , December 25 2025 6:28 AM
Home / News / गई राष्ट्रपति की कुर्सी तो क्या करेंगे Donald Trump? ये है प्लान B

गई राष्ट्रपति की कुर्सी तो क्या करेंगे Donald Trump? ये है प्लान B


अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भले ही डोनाल्ड ट्रंप स्वीकार न कर रहे हों, उनका कैंप विकल्प तलाशने लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप को 10 करोड़ डॉलर की बुक और टीवी डील ऑफर की गई हैं। उनके करीबी सूत्र ने बताया है कि चुनाव हारने की स्थिति में इसे प्लान बी के तौर पर तैयार किया गया है। सूत्र के मुताबिक राष्ट्रपति पर ऐसे ऑफर की बरसात जारी है। उन्हें वाइट हाउस में बिताए समय पर किताब लिखने से लेकर दक्षिणपंथी टीवी आउटलेट्स से भी ऑफर आ रहे हैं।
पहले भी लिख चुके हैं किताबें : गौरतलब है कि ट्रंप ने जो बाइडेन ने हार मानने से इनकार कर दिया है और वोटिंग में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं। ट्रंप के नाम पहले ही 19 किताबें हैं जिनमें बिजनस से लेकर गोल्फ तक की बातें शुमार हैं। राष्ट्रपति बनने से एक साल पहले 2015 में उन्होंने अपने आखिरी किताब Crippled America लिखी थी। साल 2018 में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने कई बेस्ट-सेलिंग किताबें लिखी हैं।

हिट रहती हैं किताबें : बता दें कि वाइट हाउस से निकलने वाली हस्तियों को ऐसे ऑफर मिलते रहते हैं क्योंकि पाठकों को यह जानने में दिलचस्पी रहती है कि सरकार के उस पद पर जिंदगी कैसी होती है। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा को क्राउन ने 2017 में 6.5 करोड़ डॉलर की डील थी जबकि ओबामा की नई किताब A Promised Land अगले हफ्ते आने वाली है।
एक तरफ अमेरिकी मीडिया जो बाइडेन को अमेरिका का अगला राष्‍ट्रपति घोषित कर रहा था, दूसरी तरफ ट्रंप गोल्‍फ खेलने में खुद को बिजी रखे हुए थे।
ट्रंप का नाम, अमेरिका के उन 11 राष्ट्रपतियों की सूची में दर्ज हो गया है जिन्होंने इस पद पर बने रहने के लिए लगातार दोबारा जीत हासिल करने की नाकाम कोशिशें की थीं । रिचर्ड निक्सन के इस्तीफे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बने गेराल्ड फोर्ड 1976 में दोबारा राष्ट्रपति बने रहने के अपने प्रयासों में सफल नहीं हुए थे। ट्रंप से पहले दूसरे चुनाव में पराजित होने वाले अंतिम राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (1992 में) थे।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति पर जनवरी में नए प्रशासन के कार्यकाल संभालने पर सत्ता का आसानी से हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए दबाव बढ़ रहा है। ‘जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेटन’ (GSA) पर बाइडेन को निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप से औपचारिक रूप से मान्यता देने की जिम्मेदारी है। इसके बाद सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया आरंभ होगी। एजेंसी की प्रशासक एमिली मर्फी ने अभी तक यह प्रक्रिया आरंभ नहीं की है और न ही यह बताया है कि वह कब ऐसा करेंगी। एमिली की नियुक्ति ट्रंप ने की थी।
व्हाइट हाउस में पिछले तीन कार्यकालों में शामिल रहे एक द्विदलीय समूह ने भी ट्रंप से ‘‘चुनाव के बाद सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया तत्काल’’ आगे बढ़ाने की अपील की है। ‘सेंटर फॉर प्रेजिडेंशियल ट्रांजिशन’ सलाहकार बोर्ड ने एक बयान में कहा कि यह कड़ी मेहनत से लड़ा गया चुनाव था, लेकिन इतिहास ऐसे राष्ट्रपतियों के उदाहरण से भरा पड़ा है, जिन्होंने चुनाव परिणाम के बाद अपने उत्तराधिकारियों की गरिमा के साथ मदद की। इस बयान पर पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रहे जोश बोल्टन एवं स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री रहे माइकल लिविट, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में व्हाइट हाउस में चीफ ऑफ स्टाफ रहे थॉमस ‘मैक’ मैक्लार्टी और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में मंत्री रहे पेन्नी प्रित्जकर ने हस्ताक्षर किए।
एक ओर ट्रंप जहां गोल्‍फ खेलकर वक्‍त काट रहे हैं, जो बाइडेन ने सरकार बनाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उन्‍होंने कोविड-19 से निपटने के लिए टीम तैयार करनी शुरू कर दी है, लेकिन GSA की औपचारिक घोषणा से पहले यह प्रक्रिया पूरी तरह शुरू नहीं हो सकती।

जोसेफ आर बाइडेन ने ट्रंप को हराकर अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति का पद हासिल किया है। वह 20 जनवरी, 2021 को शपथ लेंगे। लगभग 160 साल पहले इसी समय के आसपास अब्राहम लिंकन अमेरिकी राष्ट्रपति चुने गए थे।

डरे हैं प्रकाशक : हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि प्रकाशकों को इस बात का डर भी है कि कहीं ट्रंप के कानूनी झमेलों में घिरे होने का उन्हें नुकसान न उठाना पड़े। ट्रंप के खिलाफ न्यू यॉर्क स्टेट जांच की वित्तीय जांच, ई जीन कैरल का मानहानि कैसे और 20 से ज्यादा महिलाओं के लगाए यौन शोषण के आरोप हैं। कई प्रकाशकों ने यह भी कहा है कि ट्रंप को लेकर अपील ओबामा जैसी नहीं है।

ट्रंप ने मीडिया पर फोड़ा है ठीकरा : बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार का ठीकरा मुख्यधारा की मीडिया पर फोड़ दिया है। ट्रंप ने कई ट्वीट कर कहा कि फॉक्स न्यूज, क्वीननिपियेक पोल, एबीसी और वाशिंगटन पोस्ट, एनबीसी और वॉल स्ट्रीट जर्नल मेरे बारे में अपने सर्वेक्षण को लेकर इतने गलत थे कि इसने चुनाव को प्रभावित किया। ट्रंप ने कहा कि वे अपने सर्वेक्षण में और दबाव डालने की कोशिश में कहीं आगे चले गए और इसे चुनाव में हस्तक्षेप माना जाना चाहिए।