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क्या होगी टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलियाई चुनौतियां ?

 

 

 

 

 

27 नवंबर से शुरू हो रहे भारतीय क्रिकेट टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए दोनों ही टीमों ने कमर कस ली है… 27 नवंबर से 19 जनवरी तक चलने वाले भारत के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में तीन वनडे, तीन टी-20 और चार टेस्ट मैच खेले जाएंगे…

By Vivek Sharma

अब तक का रिकार्ड- साल 2004 के दौरे के बाद से भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार सुधर रहा है… पिछले चार दौरों की बात करें तो 2004 में 1-1 से टेस्ट सीरीज ड्रा रही थी.. 2008 में ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से सीरीज जीती थी.. जबकि 2012 में ऑस्ट्रेलिया ने चार-0 से सीरीज जीती और 2015 में 2-0 से लेकिन 2018 की सीरीज भारत ने 2-1 से अपने नाम कर ली थी…वनडे में टीम इंडिया ने 2007-08 में ट्राईसीरीज पर कब्जा किया था… साथ ही 2018 में भी भारत ने सीरीज 2-1 से जीती थी …ऑस्ट्रेलियाई जमीं पर पिछली यानी 2018 की टी-20 सीरीज 1-1 से ड्रा रही थी जबकि 2015 के दौरे में भारत ने टी-20 सीरीज 3-0 से जीती थी.. वहीं साल 2011 की सीरीज ड्रा रही थी तो 2007 में हुई पहली सीरीज ऑस्ट्रेलिया ने 1-0 से जीती थी

चुनौतियां- पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और क्रिकेट विशेषज्ञ के मुताबिक वनडे और टी-20 मैचों में रोहित शर्मा का रिप्लेसमेंट मुश्किल होगा… टेस्ट मैचों में विराट कोहली की गैरमौजूदगी खलेगी… विराट की आक्रामकता सभी लोग मिस करेंगे… ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आक्रामक कप्तान की जरुरत होगी… और टेस्ट मैचों में विराट कोहली की गैरमौजूदगी में अजिंक्य रहाणे कप्तान हो सकते हैं… और रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल को सलामी साझेदारी की जिम्मेदारी दे सकती है… तीसरे स्थान पर पुजारा,. चार नंबर पर रहाणे और पांचवे नंबर पर के एल राहुल खेलने आ सकते हैं जबकि साहा छठे नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते हैं… साथ ही आलराउंडर के रुप में हार्दिक पंड्या को टीम में शामिल किया जा सकता है…

इस बार ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर भारतीय टीम की सफलता के लिए पुजारा और केएल राहुल का बल्ला चलना चाहिए… साथ ही रोहित शर्मा भी टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के उछाल भरे पिचों पर कामयाब हो सकते हैं.. भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की कमान बुमराह और शमी के हाथों में होगी.. साथ ही अश्विन को टेस्ट टीम में लिया जा सकता है… क्योंकि भारतीय आफ स्पिन गेंदबाजों का रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया में हमेशा से ही बेहतर रहा है..

    वनडे में इस बार ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज काफी सशक्त दिखाई दे रहे हैं… लाबुशाने, वार्नर और स्मिथ भारतीय गेंदबाजों के सामने चुनौती रख सकते हैं.. स्मिथ का टेस्ट मैचों में रिकार्ड जबर्दस्त रहा है… इसके अलावा वार्नर हमेशा से ही अपने घर में रन बनाते हैं…मेजबान टीम की गेंदबाजी में हैजलवुड, कमिंस, और स्टार्क की धारदार गेंदबाजी प्रभावी रहने की उम्मीद है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए ट्रंप कार्ड का काम करेंगे ल्यॉन… जिनके ईर्द गिर्द ही गेंदबाजी आक्रमण घुमेगा…ल्यॉन की फिरकी गेंदबाजी की मैच में बदलाव ला सकती है… साथ ही ऑस्ट्रेलिया के पिचों पर उनका पलड़ा भारी रहेगा… ऑस्ट्रेलियाई टीम टेस्ट मैचों में चार गेंदबाजों से ही खेल सकती है… ऑस्ट्रेलिया का मनोवैज्ञानिक हथियार छींटाकशी रहा है.. और हर दौरे से पहले ही बयानों के माध्यम से अपनी आक्रामकता का प्रदर्शन करते हैं… और जानकारों का मानना है कि विराट ऑस्ट्रेलिया के बयानों के निशाने पर रहेंगे और जवाब देने में भी कप्तान पीछे नहीं रहेंगे.. लेकिन टेस्ट मैचों में कोहली की गैरमौजूदगी ऐसी ही होगी जैसे जंग में बिना कवच के जाना…

माना जा रहा है कि टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी हो सकता है क्योंकि विराट कोहली की गैरमौजूदगी काफी अहम होगी साथ ही पिंक बाल टेस्ट मैच ही सीरीज की दिशा निर्धारित कर सकता है.. लेकिन टी-20 में भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहेगा क्योंकि हाल ही में टी-20 की वजह से हर भारतीय खिलाड़ी पूरे अभ्यास के साथ उतरेगा… और टीम इंडिया के खिलाड़ी तगड़े साबित होंगे… वहीं वनडे सीरीज में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद दिखाई दे रही है… जो भी टीम अच्छी बल्लेबाजी करेगी वही सीरीज जीतेगी…