
रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी देश में राष्ट्रपति चुनाव लड़कर वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चुनौती देना चाहते थे लेकिन रूसी राष्ट्रपति के हिट स्क्वाड ने उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की। हाइप्रोफाइल मामलों की जांच करने वाली चर्चित वेबसाइट बेलिंगकैट ने यह खुलासा किया है। वेबसाइट ने कहा कि पुतिन के हत्यारों ने एलेक्सी को जहर देने पहले तीन साल तक उनका पीछा किया था।
एलेक्सी को इस साल अगस्त में नर्व एजेंट नोविचोक देकर जान से मारने की कोशिश की गई थी। रूस की खुफिया एजेंसी FSB पर आरोप लगाया गया है कि उसने एलेक्सी का तब पीछा करना शुरू किया जब उन्होंने पुतिन को चुनाव में चुनौती देने का ऐलान किया। एफएसबी के खुफिया दस्ते में रासायनिक हथियारों के विशेषज्ञ, डॉक्टर और सीक्रेट एजेंट शामिल थे जो विशेष अभियानों को चलाने में माहिर थे।
‘कम से कम 37 हवाई यात्राओं पर निगरानी रखी’ : बेलिंगकैट ने बताया कि इन खुफिया एजेंटों ने तीन साल तक उनकी कम से कम 37 हवाई यात्राओं पर निगरानी रखी। इसके बाद उन्हें अगस्त महीने में साइबेरिया से मास्को की यात्रा के दौरान जहर दे दिया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हत्यारों के दस्ते ने दो या तीन लोगों के ग्रुप में एलेक्सी के साथ समानांतर उड़ान भरी या ट्रेन में यात्रा की। हमेशा अलग-अलग टीमों भेजा जाता था ताकि उनकी पहचान न हो सके। साथ ही फर्जी नामों का इस्तेमाल किया जाता था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हर चीज के तार जोड़े जाएं तो वे एफएसबी तक जाते हैं जो अंतत: पुतिन की ओर इशारा करते हैं। एलेक्सी को जिस नर्व एजेंट के जरिए मारने की कोशिश की गई, उसी का इस्तेमाल वर्ष 2018 में रूसी डबल एजेंट सर्गेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया को जान से मारने के लिए दिया गया था। एलेक्सी नवलनी ने पुतिन पर आरोप लगाया है कि उन्हें जहर देकर किए गए हमले के पीछे पुतिन हैं।
नवलनी ने अस्पताल में 32 दिन बिताए : नवलनी के समर्थकों ने अक्सर कहा है कि इस तरह के हमले तभी हो सकते हैं, जब शीर्ष स्तर पर इसके आदेश दिये गये हों। क्रेमलिन ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से लगातार इनकार किया है। राजनेता, भ्रष्टाचार जांचकर्ता एवं पुतिन के सर्वाधिक मुखर आलोचक नवलनी 20 अगस्त को रूस में एक घरेलू उड़ान में बीमार पड़ने के दो दिन बाद इलाज के लिए जर्मनी गए। उन्होंने अस्पताल में 32 दिन बिताए, उनमें से 24 दिन वह गहन देखभाल इकाई में थे।
नवलनी बीमार पड़ने के दो दिनों तक साइबेरियाई शहर ओम्स्क के एक अस्पताल में कोमा में रहे थे। उन्हें इलाज के लिए बर्लिन ले जाये जाने से पहले रूसी डॉक्टरों ने कहा था कि उनके शरीर में जहर का कोई निशान नहीं मिला। जर्मन रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि उन्हें जहर दिया गया था। नवलनी ने रूस से उनके वे कपड़े लौटाने की सोमवार को मांग की, जो उन्होंने साइबेरिया में कोमा में जाने के दिन पहन रखे थे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें दिए गए जहर (नर्व एजेंट) के बारे में उसमें अहम सबूत हैं।
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