
ब्रिटेन के एक हाईकोर्ट ने 9 वर्षीय एला नाम की बच्ची की मौत के लिए बढ़ते प्रदूषण को जिम्मेदार बताया है। यह दुनिया का अपनी तरह का पहला मामला है। बच्ची की मौत की समीक्षा करने वाले सहायक समीक्षक फिलिप बारलो के मुताबिक, ‘2013 में लंदन में रहने वाली एला की मौत के कारणों में वायु प्रदूषण भी एक कारण था।‘ एला की बीमारी और उसके घर के पास की खराब एयर क्वालिटी के बीच सीधा संबंध बताया गया है। बच्ची का घर लंदन में एक व्यस्त सड़क से नजदीक था।
2010 से 2013 के बीच बढ़ती गई बीमारी : ब्रिटिश लंग फाउंडेशन का कहना है, एला दुनिया की पहली ऐसी इंसान थी जिसकी मौत एयर पॉल्यूशन के कारण हुई। फिलिप बारलो के मुताबिक, एला की मां ने अस्थमा और एयर पॉल्यूशन के बारे में जानकारी नहीं दी थी। जिससे उसकी जान बचाई जा सकती थी। एयर पॉल्यूशन ने अस्थमा के असर को बढ़ाया। 2010 से 2013 के बीच एला ही हालत नाजुक हुई। एला पर जहरीली हवा में बढ़ते नाइट्रोजन ऑक्साइड और पीएम पार्टिकल्स का बुरा असर हुआ।
बेटी को इंसाफ मिला, अब नए कानून का इंतजार : एला की मां रोजामुंड किस्सी-डेबराह का कहना है, हमें इंसाफ मिला, जो मेरी बेटी को मिलना ही चाहिए था। एयर पॉल्यूशन का खतरा दूसरे बच्चों को भी है क्योंकि हम जिस शहर में रह रहे हैं वहां पॉल्यूशन का लेवल ज्यादा है। मेरी बेटी की मौत सरकार को क्लीन एयर एक्ट लाने के लिए बाध्य करेगी। सिर्फ ब्रिटेन में ही नहीं, दुनियाभर की दूसरी सरकारें भी इस मामले को संजीदगी से समझेंगी। मैं अभी भी यही सोचती हूं कि पॉल्यूशन बच्चों के फेफड़ों को डैमेज कर रहा है, वो फेफड़े जो अभी ठीक से विकसित भी नहीं हुए हैं।
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