
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक मौलवी के नेतृत्व में कट्टरपंथियों के हिंदू मंदिर को आग लगाने और उसे तोड़ने के मामले में पुलिस ने 26 लोगों को अरेस्ट किया है। इस हमले के सिलसिले में पुलिस ने रातभर कई जगह छापे मारे और गिरफ्तारियां कीं। इस बीच पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भी मंदिर को तोड़े जाने पर संज्ञान लिया है और 5 जनवरी को इस मामले में सुनवाई करेगा। उधर, इस हमले की पाकिस्तान के हिंदू समुदाय ने कड़ी आलोचना की है और इमरान सरकार से सख्त ऐक्शन लेने की मांग की है।
हिंदू संत परमहंस जी महाराज के मंदिर को आग लगाए जाने की घटना करक जिले के तेरी इलाके में हुई। यहां पर अक्सर सिंध के हिंदू समुदाय के लोग पूजा करने के लिए आते हैं। स्थानीय पुलिस का कहना है कि उन्होंने कम से कम 26 लोगों को हिरासत में लिया है। भीड़ को उकसाने वाले लोगों को अरेस्ट करने के लिए अभी और छापेमारी जारी है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक यह हमला उस समय हुआ जब हिंदू समुदाय के लोगों को इस मंदिर के मरम्मत की अनुमति मिल गई।
1920 से पहले बनाया गया यह मंदिर एक ऐतिहासिक पूजा स्थल : इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के गवाह एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘एक धार्मिक पार्टी के कुछ स्थानीय बुजुर्गों के नेतृत्व में एक हजार से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और हिंदू पूजा स्थल को हटाने की मांग की।’ उन्होंने कहा, ‘वे मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए, भाषण दिया … फिर मंदिर की ओर बढ़े और उस पर हमला कर दिया।’ 1920 से पहले बनाया गया यह मंदिर एक ऐतिहासिक पूजा स्थल था। इलाके के एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, ‘मंदिर में तोड़फोड़ करने से पहले भीड़ ने उसमें आग लगा दी। हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति के निमार्णाधीन मकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।’
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