
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल में ही कट्टरपंथियों के हमले में गिराए गए मंदिर और समाधि स्थल का दौरा किया। इस मंदिर को कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के सदस्यों ने हमला कर गिरा दिया था। बता दें कि फजल उर रहमान वर्तमान में
फजल उर रहमान के समर्थकों ने किया था हमला : खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले के तेरी गांव में स्थित इस मंदिर के गिराए जाने पर दुनियाभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं। हिंदू समुदाय ने दशकों पुराने भवन का जीर्णोद्धार कराने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति ली थी, जिसके बाद यह हमला किया गया। भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ ही नवनिर्मित ढांचे को भी गिरा दिया था।
सांसद बोले- दोषियों को नहीं छोड़ेंगे : धार्मिक और अल्पसंख्यक मामलों के लिए संसदीय सचिव शहनेला रावत के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने यह दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सलाहकार समेत अन्य नेता भी थे। रावत ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने मामले का गहरा संज्ञान लिया है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदम से संतुष्ट हैं।
मुख्य आरोपी को पुलिस ने पकड़ा : खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख सनउल्ला अब्बासी ने शुक्रवार को कहा था कि मामले में मुख्य आरोपी फैजुल्ला को करक जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि फैजुल्ला ने ही भीड़ को मंदिर पर हमला करने और समाधि को ढहाने के लिए उकसाया था। पुलिस प्रमुख ने बताया था कि 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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