
शनि, शुक्र और बृहस्पति धरती से एक साथ दिखाई देने वाले हैं। इन्हें देखने के लिए किसी उपकरण की जरूरत भी नहीं होगी। सूर्योदस से पहले ये तीनों क्षितिज से थोड़ा ऊपर दिखाई देंगे। हालांकि, ये सिर्फ कुछ देर ही आसमान में देखे जा सकेंगे। सूरज का चक्कर काटने में धरती शुक्र से आगे है जबकि बृहस्पति और शनि लाखों मील दूर हैं लेकिन देखने से ऐसा लगेगा जैसे तीनों आसपास ही हों।
आसमान साफ रहा तो दिखेगा नजारा : ये तीनों ग्रह भारत के पूर्वी भागों में 10 फरवरी तड़के सुबह देखे जा सकेंगे। सूर्योदय से थोड़ी देर पहले ये तीनों क्षितिज के ऊपर आसमान में बृहस्पति, शुक्र और शनि के क्रम में दिखेंगे। हालांकि, सर्दी के मौसम के चलते इन्हें देखने में कोहरा बाधा डाल सकता है। वहीं, पश्चिम भारत में इन्हें देखना मुश्किल होगा। शुक्र हमारे सबसे करीब होने के कारण सबसे चमकदार दिखेगा लेकिन बाकी दोनों की चमक भी खूब तेज होगी।
जनवरी में दिखे थे : दुनिया के बाकी हिस्सों में भी इसे देखा जा सकता है। इसके लिए आसमान का साफ होना जरूरी है और हो सकता है कि दूरबीन की जरूरत पड़ जाए। इससे पहले 9 और 10 जनवरी को भी सूरज के डूबने के बाद बृहस्पति, बुध और शनि आपस में मिलकर एक त्रिकोण बनाते दिखे थे। बुध को सूरज का एक चक्कर काटने में सिर्फ 88 दिन लगते हैं। इसलिए फरवरी में भी यही नजारा फिर से देखने को मिलेगा।
क्रिसमस ट्री के पास कैलिफोर्निया के कार्डिफ स्टेट बीच पर खड़े लोग इस दुर्लभ घटना के गवाह बने। माना जाता है कि 2000 साल पहले इसी संयोग से तेज रोशनी पैदा हुई थी जिसे आज बेथलेहम स्टार या क्रिसमस स्टार कहा जाता है ( तस्वीर: REUTERS/Mike Blake)
तड़क-भड़क के लिए मशहूर नेवाडा के लास वेगस में भी जब SRAT होटेल, कसीनो, स्काईपॉड के पीछे से झांकता क्रिसमस स्टार दिखा तो उसकी चमक अलग ही पता चली।
नॉर्थ कैरोलिना में चैपल हिल के पास जॉर्डन लेक के ऊपर दोनों ग्रह इस तरह एक होते दिखे जैसे किसी कलाकार की तस्वीर आखिरकार पूरी हो गई हो।(Bill Ingalls/NASA via AP)
दिसंबर, 2020 में हुआ था Great Conjunction : इससे पहले 9 और 10 जनवरी को तीनों ग्रहों ने एक सटीक त्रिकोण बनाया था और सूर्यास्त के कुछ देर बाद इन्हें साफ-साफ देखा जा सका। वहीं, 21 दिसंबर को शनि और बृहस्पति ने धरतीवासियों को साल का सबसे खूबसूरत खगोलीय तोहफा दिया था। 400 साल बाद ये दोनों ग्रह इतने ज्यादा करीब आए थे कि धरती से देखे जाने पर ये एक ही लग रहे थे।
खास बात यह है कि 800 सौ साल बाद यह मौका रात के वक्त आया जिस कारण इसे देखा जा सका, वरना सूरज की रोशनी में दोनों छिप जाते हैं। Great Conjunction हर 20 साल बाद होता है लेकिन इस साल ये दोनों सिर्फ 0.1 डिग्री दूरी तक आए जिससे यह एक दुर्लभ घटना हो गई।
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