Wednesday , December 24 2025 11:55 PM
Home / News / Galwan Valley Clash: गलवान में मात्र 4 PLA सैनिकों के मारे जाने के ऐलान पर उठाए सवाल, 3 चीनी ब्‍लॉगर अरेस्‍ट

Galwan Valley Clash: गलवान में मात्र 4 PLA सैनिकों के मारे जाने के ऐलान पर उठाए सवाल, 3 चीनी ब्‍लॉगर अरेस्‍ट


पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी हिंसा के वीडियो जारी करके चीनी जनता की सहानुभूति हासिल में लगे चीन को उसके ही देश के नागारिकों ने आइना दिखा दिया। एक पूर्व पत्रकार समेत तीन ब्‍लॉगरों ने कहा कि इस संघर्ष में 4 से ज्‍यादा चीनी सैनिक मारे गए थे और सरकार उसे बता नहीं रही है। यही नहीं उन्‍होंने सरकार से सवाल पूछा कि मारे गए सैनिकों के बारे में ऐलान करने में उन्‍होंने 8 महीने का समय क्‍यों लगा द‍िया।
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने जिन ब्‍लॉगरों को अरेस्‍ट किया है, उनमें एक खोजी पत्रकार और द इकॉनामिक ऑब्‍जर्बर के पूर्व जर्नल‍िस्‍ट क्यिू जिमिंग (38) भी शामिल हैं। चीन ने ऐलान किया है कि उसने गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों का अपमान करने वाले तीन ब्‍लॉगरों को हिरासत में लिया है। चीन ने इन ब्‍लॉगरों को ऐसे समय पर अरेस्‍ट किया जब उसने हाल ही में गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों के बारे में घोषणा की थी।
‘चीन के मारे गए सैनिकों की संख्‍या ज्‍यादा है’ : चीनी सोशल मीडिया वेबसाइट वीबो पर अपने 25 लाख प्रशंसकों को द‍िए संदेश में क्यिू जिमिंग ने कहा था कि चीन के मारे गए सैनिकों की संख्‍या ज्‍यादा है क्‍योंकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक कुछ सैनिकों की दूसरे सैनिकों की मदद देने के लिए आने के दौरान मौत हो गई। उन्‍होंने कहा कि इनमें से भी कई सैनिकों की मौत हुई होगी। उन्‍होंने इस बात पर भी सवाल उठाया था कि क्‍यों चीनी सैनिकों के मारे जाने के ऐलान में चीन ने 8 महीने लगा द‍िया।
चीन की आक्रामकता पर न सिर्फ दुनिया भर के सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने नजरें गड़ा रखी हैं, उसकी रणनीतियों को भी बखूबी समझा जा रहा है। एक ओर जहां लोग इस बात पर हैरान हैं कि आखिर चीन ने अपनी प्रकृति से उलट ‘विदेशी सेना’ के हाथों अपने सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल कैसे की, मैसच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में चीन की विदेश और सुरक्षा नीतियों पर रिसर्चर एम टेलर फ्रैवल याद दिलाते हैं कि चीन की सेना ने पूरी बात नहीं बताई है। उनका कहना है कि PLA डेली स्टोरी CMC के गैलेंट्री अवॉर्ड्स देने और इन पांच सैनिकों के ऐक्शन पर थी। इस स्टोरी में घटना का पूरा विवरण नहीं दिया गया है और न इसके जरिए असल में सभी हताहतों की जानकारी दी गई है।
इससे पहले चीन ने वीडियो जारी कर खुद को विक्टिम दिखाने की कोशिश की थी। चीन इस वीडियो के जरिए यह जताना चाहता है कि हिंसा की शुरुआत भारत ने की थी। जबकि, सच्चाई से पूरी दुनिया वाकिफ है। ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टिट्यूट के रिसर्चर नाथन रुसर ने दावा किया है कि जियोलोकेटर की मदद से पता चलता है कि झड़प वाली जगह भारतीय सीमा के अंदर लगभग 50 मीटर अंदर थी। एक चट्टान पर पहुंचने और नदी पार करने से पहले भारतीय सेनाओं के फुटेज में घाटी के दक्षिण की ओर चलते देख सकते हैं। ‘मुझे विश्वास है कि वह पत्थर भारतीय सीमा में हरे रंग से घेरे गए स्थान पर स्थित है। ऐसे में यह दावा सही साबित होता दिखाई दे रहा है कि चीनी सेना ने भारतीय इलाके में घुसकर हमला किया था।’
दरअसल चीन लद्दाख में तनाव के शुरू होने के बाद से ही चौतरफा घिरा हुआ है। पहले भारत की कड़ी जवाबी कार्रवाई ने PLA सैनिकों के हौसले तोड़ दिए और फिर पैंगोंग झील से वापसी पर चीन की अपने ही देश में खासी आलोचना हो रही थी। चीनी लोग सेना और कम्युनिस्ट पार्टी से सवाल पूछ रहे थे कि इतने दिनों से जारी तनाव के बाद आखिर सेना पीछे क्यों लौट रही है।
इसमें बची हुई कसर रूस की न्यूज एजेंसी तास ने पूरा कर दिया। तास ने 10 फरवरी को अपनी खबर में गलवान हिंसा में चीन के 45 सैनिकों के मौत का दावा किया था। जिसके बाद से चीन में हड़कंप मचा हुआ था। चीन सहित दुनियाभर के लोगों को तास की खबर पर इसलिए ज्यादा भरोसा है क्योंकि गलवान में हिंसक झड़प के बाद रूस की अगुवाई में ही भारत और चीन के बीच राजनीतिक स्तर पर पहली बातचीत हुई थी।
क्यिू जिमिंग ने कहा कि चीन के विपरीत भारत ने तत्‍काल अपने शहीद सैनिकों के बारे में ऐलान कर द‍िया था। उन्‍होंने कहा कि भारत के तत्‍काल ऐलान से ऐसा लगता है कि उन‍की जीत हुई और उन्‍हें कम कीमत चुकानी पड़ी। उधर चीन के नानजिंग की पुलिस ने दावा किया है कि उसने झूठी सूचना पोस्‍ट करने के आरोप में तीनों लोगों को अरेस्‍ट किया है। इन सोशल मीडिया अकाउंट को बंद कर‍ दिया गया है। उनकी गिरफ्तारी पूरे चीन में चर्चा का व‍िषय बन गई और रविवार शाम तक 73 करोड़ व्‍यूज आए थे।
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को गलवान में चार सैनिकों के मारे जाने का सच स्वीकारने के बाद शाम को एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए संघर्ष के कुछ फुटेज दिखाए गए थे। इस एडिटेड वीडियो की सहायता से चीन खुद को बेचारा और विक्टिम साबित करना चाहता था। जबकि सच यह है कि चीनी सैनिकों ने नुकीले तार लगे रॉड की सहायता से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। इस वीडियो के अंत में गलवान में मारे गए चार चीनी सैनिकों की तस्वीर भी दिखाई गई थी जिन्हें ड्रैगन ने सम्मानित किया था।