
पोप फ्रांसिस ने इराक की ऐतिहासिक यात्रा समाप्त करके सोमवार को रोम रवाना हुए। इस यात्रा का उद्देश्य देश के अल्पसंख्यक ईसाइयों में सहअस्तित्व, क्षमा और शांति के संदेश के साथ उम्मीद जगाना था। पोप और उनके साथ आये प्रतिनिधिमंडल को इराक की चार दिन की यात्रा के बाद बगदाद हवाईअड्डे पर विदाई दी गई। पोप ने अपनी इस यात्रा के दौरान इराक के पांच प्रांतों का दौरा किया।
पोप का विमान जब उड़ान भर रहा था तब इराकी राष्ट्रपति बरहम सलीह टरमैक पर मौजूद रहकर हाथ हिलाकर उन्हें विदा कर रहे थे। पोप फ्रांसिस ने इराक की इस यात्रा के दौरान नजफ से लेकर देश के दक्षिणी हिस्से के अपने दौरे के दौरान इराकियों से विविधता को गले लगाने का आग्रह किया।
पोप फ्रांसिस ने इस दौरान शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी के साथ आमने-सामने की मुलाकात की। उन्होंने साथ ही इस्लामिक स्टेट समूह के आतंक के पीड़ित ईसाइयों से भी मुलाकात की और उनकी कहानी सुनी।
इराक के दक्षिण में फ्रांसिस ने उर के मैदानी इलाके के पास रेगिस्तान में इराकी धार्मिक नेताओं की एक बैठक बुलाई। इसमें देश भर के धार्मिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें मुसलमान, ईसाई, आदि के प्रतिनिधि शामिल थे। पोप ने उन सभी से मिलकर काम करने और शांति बनाने का आह्वान किया।
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