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प्रेग्‍नेंसी में बहुत तकलीफ देता है ये लक्षण, कई बार तो बैठने तक में हो जाती है दिक्‍कत

मॉर्निंग सिकनेस, सिरदर्द, मूड स्विंग्‍स और थकान, ये भी प्रेग्‍नेंसी के कुछ आम लक्षण हैं। अगर आप प्रेगनेंट हैं तो आपको भी ये सभी या इनमें से कुछ लक्षण जरूर महसूस हुए होंगे। अधिकतर महिलाओं को इसी तरह के लक्षण प्रभावित करते हैं लेकिन कुछ महिलाओं को प्रेग्‍नेंसी के दौरान योनि में खुजली भी होती है।
प्रेग्‍नेंसी में कई कारणों से योनि में खुजली हो सकती है और इसके कारण का पता लगाकर आप इसे ठीक कर सकती हैं।
​क्‍या होती है वेजाइनल इचिंग: वेजाइनल इचिंग का मतलब होता है योनि में खुजली होना। इस स्थिति में योनि के अंदर और आसपास की स्किन में खुजली होने लगती है।
प्रेग्‍नेंसी के दौरान वेजाइनल डिस्‍चार्ज बढ़ सकता है जिससे वल्‍वा की स्किन में जलन हो सकती है। हालांकि, इंफेक्‍शन या लोशन या साबुन से एलर्जी होने की वजह से भी खुजली हो सकती है।
​यीस्‍ट इंफेक्‍शन : नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्‍नोलोजी इंफॉर्मेशन यानि एनसीबीआई के अनुसार लगभग हर 4 में से 3 महिलाओं को कभी न कभी यीस्‍ट इंफेक्‍शन होता ही है।
प्रेग्‍नेंसी में यह संक्रमण होना आम बात है। माना जाता है कि प्रेग्‍नेंसी के दौरान योनि में एस्‍ट्रोजन और ग्‍लाइकोजन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे यीस्‍ट इंफेक्‍शन का खतरा रहता है। गर्भवती महिलाओं को योनि में यीस्‍ट इंफेक्‍शन होने पर वेजाइनल इचिंग हो सकती है।
​योनि में खुजली होने के कारण : गर्भावस्‍था के दौरान पेल्विक हिस्‍से में रक्‍त का प्रवाह बढ़ जाता है। योनि में कम मात्रा में यीस्‍ट होती ही है। गर्भावस्‍था के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से योनि में पीएच बैलेंस खराब होने लगता है जिससे इंफेक्‍शन हो सकता है। योनि में यीस्‍ट बढ़ने पर तेज खुजली और जैली जैसा डिस्‍चार्ज होता है।
प्रेग्‍नेंसी के दौरान वेजाइनल डिस्‍चार्ज और सर्विकल म्‍यूकस की वजह से भी खुजली हो सकती है। अगर डिस्‍चार्ज सफेद या साफ नहीं है तो प्रेग्‍नेंसी हार्मोंस की वजह से खुजली हो सकती है।
इसके अलावा बैक्‍टीरियल वजाइनोसिस, यौन संक्रमित रोग और यूटीआई की वजह से योनि में खुजली हो सकती है।
​खुजली से बचने के तरीके : अगर आपको गर्भावस्‍था के दौरान योनि में खुजली हो रही है, तो आप यहां बताए गए तरीकों की मदद से खुजली को कम कर सकती हैं या इससे बच भी सकती हैं।
ढीली सूती कपड़े की अंडरवियर पहनें और प्रेग्‍नेंसी के दौरान टाइट कपड़े पहनने से बचें।
पेशाब या मल त्‍याग करने के बाद एल्‍कोहल फ्री वेट वाइप्‍स से योनि को साफ करें।
जितना हो सके योनि को साफ और सूखा रखना चाहिए। पसीने और डिस्‍चार्ज से बचने के लिए दिन में दो से तीन बार अं‍डरवियर बदलें। खुजली को कम करने के लिए आप प्रभावित हिस्‍से की ठंडी सिकाई भी कर सकती हैं।
​खुजली कम करने के अन्‍य टिप्‍स : कम केमिकल वाले साबुन, लोशन और शॉवर जैल का इस्‍तेमाल करें। अंडरवियर को हाइपोएलर्जेनिक फैब्रिक सॉफ्टनर और डिटर्जेंट से धोएं।
दही से शरीर में पीएच का लेवल संतुलित रहता है। रोज दही खाएं।
आप डॉक्‍टर से सलाह लेकर एंटी-इच क्रीम भी लगा सकती हैं।
सेक्‍स के बाद या पेशाब जाने के बाद योनि को जरूर साफ करें।