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दुनिया में कब आसानी से उपलब्ध होगी Coronavirus Vaccine?


कोविड-19 रोधी टीके दुनिया में आसानी से कब उपलब्ध होंगे? विशेषज्ञों का कहना है कि 2023 या उसके बाद कुछ देशों में टीके आसानी से उपलब्ध होंगे। अमेरिका, इजराइल और ब्रिटेन उन देशों में शामिल हैं, जिसने अपनी आधी या इससे ज्यादा आबादी को कम से कम एक खुराक मुहैया करा दी है। दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे कुछ देशों में एक प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है। वहीं, अफ्रीका में 12 देशों को टीके की खुराक नहीं मिली है।
टीके की उपलब्धता कई पहलुओं पर निर्भर करती है। इसमें खरीदारी क्षमता, देश में टीका निर्माण की क्षमता, कच्चे माल तक पहुंच और वैश्विक बौद्धिक संपदा कानून शामिल हैं। अमेरिका ने टीके पर पेटेंट छोड़ने का समर्थन किया है लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि इस मुद्दे पर दुनिया के देशों में कब सहमति बन पाएगी और ऐसा होता है तो टीका निर्माण को कब गति मिलेगी।
डॉक्टर केके अग्रवाल का कहना है कि कोरोना वायरस बहुत समझदार है। ये मासूमों को नहीं छेड़ता है। बोलता आऊंगा, दोस्ती करूंगा और चला जाऊंगा। वायरस 6 साल के बच्चों को बोलता आओ दोस्ती करें, मैं तुम्हारे अंदर घुसूंगा, दो दिन रहूंगा, तुम्हें कुछ नहीं कहूंगा, मारूंगा नहीं और वापस भाग जाऊंगा, बस हल्का सा तकलीफ दूंगा।
इसलिए 6 साल के बच्चों को न दवा की जरूरत है और टेस्ट कराने की। उनमें लक्षण दिखने पर दवा दी जा सकती है। वहीं न ही 12 साल के बच्चों को ये वायरस परेशान करता है।
डॉक्टर के अनुसार, वायरस उन महिलाओं को भी कुछ नहीं बोलता जिनका मासिक धर्म चल रहा है। वायरस कहता है मासिक धर्म वाली महिलाओं को मैं तंग नहीं करूंगा। वायरस उन औरतों में कभी नहीं घुसता जिनका पीरियड (Menstruation cycle) चल रहा है। हो सकता है वो उन्हें थोड़ी बहुत तकलीफ दे लेकिन ज्यादा नहीं। ऐसी महिलाओं के केस बहुत कम हैं लेकिन अगर उनकी बॉडी पहले से डैमेज्ड हो तो बात अलग है।
डॉक्टर का कहना है कि वायरस सोचता है कि मासिक धर्म भारत में एक तरह का टैबू है जिसे हटाने के लिए मैं आऊंगा लेकिन 4 दिन तक परेशान नही करूंगा। यानी अगर आपको आज बुखार आया और कल आपका पीरियड आया तो 4 दिन के लिए फीवर चला जाएगा लेकिन बाद में फिर आ जाएगा। इस बीच लक्षण दिखने पर महिलाओं को Asprin tablet की दवा दी जा सकती है।
वायरस ये भी नोटिस करता है कि किसका लाइफ स्टाइल ठीक है और कौन-कौन वॉक एक्सरसाइज करता है। किसने अपना CRP (C-reactive protein) 1 से कम रखा हुआ है। ऐसे लोगों में वायरस आएगा, एक दिन रुकेगा, दोस्ती करेगा और वापस चल जाएगा। ऐसे लोग बुखार आने पैरासिटामोल (Paracetamol) का प्रयोग कर सकते हैं।
वहीं वो सारे लोग जो अपना CRP कंट्रोल में नहीं रखते उन्हें इस वायरस से खतरा है। जो 6 मिनट की भी वॉक नहीं करते है तो उनको वायरस हमेशा छेड़ता है। इनमें शुगर, ब्लड प्रेशर वाले लोग शामिल हैं जिन्हें वायरस का अत्यधिक खतरा है।
इन लोगों से वायरस कहता है कि मैं भाग जाउंगा एक शर्त पर कि अपना CRP किसी भी तरीके से 1 से कम कर लो। डॉक्टर के अनुसार, जो लोग अपनी बीपी कंट्रोल नहीं करते, वेट लॉस नहीं करते और वॉक भी नहीं करते तब वे तमाम बीमारियों के साथ कोविड की चपेट में भी आते हैं।
डॉक्टर के अनुसार, अगर आप सच में इस वायरस से बचना चाहते हैं तो मास्क, साबुन, सेनेटाइजर, सामाजिक दूरी का पालन करते रहे हैं। बिना वजह से घर से बाहर न निकलें, क्योंकि सुरक्षा की बचाव है। टीका की उलब्धता जब तो डोज जरूर लगवाएं। साथ ही वाट्सअप पर वायरल हो रहे मैसेज पर भरोसा न करें। इस प्रिंसिपल को याद रखिए, सुनो, समझो, जानो और फिर करो।
9 दिन के बाद किसी के भी शरीर में वायरस जिंदा नहीं रहता है या कहें इस ड्यूरेशन के बाद आप किसी दूसरे को संक्रमित नहीं कर सकते हैं। घर में आप खिड़कियां खोलकर ही रखें और फेस मास्क लगाएं।
वैश्विक स्तर पर टीके मुहैया कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र की ‘कोवैक्स’ पहल पर भी कुछ देशों में निर्यात पर पाबंदी लगाए जाने के कारण गहरा असर पड़ा है। ड्यूक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अप्रैल में कहा कि ‘कोवैक्स’ पहल के बावजूद कई देश 2023 या उसके बाद भी 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण नहीं कर पाएंगे।
जार्जटाउन विश्वविद्यालय में वैश्विक स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ मैथ्यू कवनाघ ने कहा, ‘अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अमीर देशों ने सभी उपलब्ध खुराकों का पहले ही ऑर्डर दे दिया था और अब कई देश जिनके पास धन है, वे भी टीके खरीदने के लिए इंतजार कर रहे हैं।’