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इजरायल-फलस्‍तीन में संघर्ष खत्‍म होने के आसार तेज, 24 घंटे में हो सकता है सीजफायर

इजरायल और फलस्‍तीनी उग्रवादी गुट हमास के बीच जारी भीषण संघर्ष जल्‍द खत्‍म होने के आसार तेज हो गए हैं। हमास के नेताओं ने कहा है कि अगले 24 घंटे में सीजफायर का ऐलान हो सकता है। वर्ष 2014 के बाद हुए इस सबसे भीषण संघर्ष में अब तक गाजा पट्टी में कम से कम 227 लोग और इजरायल में 12 लोग मारे गए हैं। हमास ने इजरायल पर जहां करीब 4 हजार रॉकेट दागे हैं, वहीं इजरायल की सेना ने भी सैकड़ों हवाई और जमीनी हमले किए हैं।
हमास के नेताओं ने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से बातचीत में कहा कि अगले 24 घंटे में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर का ऐलान हो सकता है। हालांकि अभी तक इस बारे में इजरायल की ओर से कोई बयान नहीं आया है। एक दिन पहले ही हमास के राजनीतिक ब्‍यूरो के नेता मूस अबू मारजोक ने कहा था कि उन्‍हें अपेक्षा है कि अगले एक या दो दिन में सीजफायर का ऐलान हो सकता है।
बाइडेन की शांति की अपील, नहीं मान रहे नेतन्‍याहू : इस बीच अमेरिका ने बुधवार को कहा कि वह संयुक्‍त राष्‍ट्र के सीजफायर कराने के प्रस्‍ताव का विरोध करता है। अमेरिका ने यह भी कहा कि बाइडेन प्रशासन के प्रयासों से इस संकट को खत्‍म किया जा सकता है। अमेरिका ने इजरायल और फलस्‍तीन के बीच हिंसा को बंद करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र में लाए गए प्रस्‍ताव को 4 बार ब्‍लॉक कर दिया। इसके बाद फ्रांस ने प्रस्‍ताव को तैयार किया है।
इजरायल और फलस्तीन के बीच बीते 11 दिन से चल रही भीषण लड़ाई के मद्देनजनर ‘तनाव में महत्वपूर्ण कमी’ लाने की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की अपील के बावजूद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर सैन्य अभियान जारी रखने का बुधवार को संकल्प लिया। माना जा रहा है कि नेतन्याहू के इस बयान से संघर्ष विराम पर पहुंचने के अंतरराष्ट्रीय प्रयास जटिल हो सकते हैं।
इस मिसाइल पर 2011 से काम किया जा रहा था। इसका पहला इस्तेमाल 2017 में अलकायदा के डेप्युटी लीडर अब खैर अल-मस्री को सीरिया में मारने के लिए किया गया था। इसे लीबिया, इराक, यमन, सोमालिया और 2019 में अफगानिस्तान में इस्तेमाल किया जा चुका है। इसे Flying Ginsu भी कहते हैं। इसका निशाना इतना सटीक है कि गाड़ी में बैठे एक शख्स को मार सकता है और दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। कहा जाता है कि ओबामा ओसामा बिन लादेन को 2011 में इसी से मारना चाहते थे लेकिन फिर नेवी की SEAL टीम को भेजने का फैसला किया।
बराक ओबामा के कार्यकाल में Hellfire का मॉडिफाइड वर्जन R9X बनाया गया था। मध्यपूर्व में ड्रोन हमलों में नागरिकों की मौत के चलते यह फैसला किया गया था। आतंकी महिलाओं और बच्चों के बीच में छिप जाया करते थे क्योंकि इससे उन्हें निशाना बनने का डर कम हो जाता था। इस हथियार में Hellfire मिसाइल का लेजर टार्गेटिंग सिस्टम होता है लेकिन विस्फोटक की जगह 45 किलो का मेटल होता है। इसमें 6 ब्लेड होते हैं जो टार्गेट को हिट करने से पहले खुलते हैं। इनकी वजह से किसी विशेष टार्गेट को निशाना बनाया जा सकता है। (फोटो: CPT BRIAN HARRIS, U.S. ARMY)
बाइडन की तरफ से डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव : इजरायल ने बुधवार को गाजा पर हवाई हमले जारी रखे, जबकि फलस्तीनी उग्रवादियों ने भी इजरायल पर दिन भर रॉकेट दागे। इस बीच, लेबनान से भी उत्तरी इजराइल में रॉकेट दागे गए। नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद कहा कि वह ‘अमेरिका के राष्ट्रपति के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं’, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘इजरायल के लोगों को शांति एवं सुरक्षा वापस दिलाने के लिए’ देश अभियान जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि वह ‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
साल 1991 में इराक ने अपनी स्‍कड मिसाइलों को इजरायल के तेलअवीव शहर पर दाग दिया था। इजरायल पर मंडराते इस बड़े खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने तत्‍काल अपनी पैट्रियट मिसाइलों को लॉन्‍च किया और सद्दाम हुसैन की स्‍कड मिसाइलों को बीच रास्‍ते में ही मार गिराया था। करीब 30 साल बाद एक बार फिर से इजरायल पर भीषण हमला हुआ। हमास ने इजरायल पर 1750 से ज्‍यादा रॉकेट दागे लेकिन इजरायली सुरक्षा बलों ने इस हमले को अपने देश में ही विकसित आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम से बर्बाद कर दिया। आयरन डोम सिस्‍टम इजरायल के लिए आन-बान और शान का प्रतीक है जिसका मुरीद अब अमेरिका भी हो गया है और वह इसको खरीद रहा है। इसे दुनिया का बेस्‍ट एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम कहा जाता है। ‘आयरन डोम’ एक छोटी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे रॉकेट, तोपखाने और मोर्टारों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इजरायल का यह सिस्‍टम कई बार अपनी सफलता से दुनिया को हैरत में डाल चुका है।
आयरन डोम रक्षा प्रणाली हर मौसम में काम कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रेंज और निशाने पर लिए गए क्षेत्र की दिशा की जांच करता है और वॉर्निंग सायरन बजाता है। सायरन बजने के बाद स्थानीय लोगों के पास सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए 30 से 90 सेकंड का समय होता है। इसके बाद आयरन डोम अपने रेडॉर की मदद से हमले का अंदाजा लगाते हुए ‘आयरन डोम’ ऑपरेटर्स काउंटर मिसाइल लॉन्च करता है और रॉकेट को हवा में नष्ट कर देता है। आयरन डोम के प्रत्‍येक लॉन्‍चर में 20 इंटरसेप्‍टर मिसाइलें होती हैं। इन मिसाइलों में रॉकेट और मिसाइलें को सूंघने की बेजोड़ क्षमता होती है। यह 70 किमी की ऊंचाई तक रॉकेट हमले को बर्बाद कर देता है। हालां‍कि इजरायल को इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ती है। उसे प्रत्‍येक इंटरसेप्‍टर मिसाइल पर 50 हजार डॉलर खर्च करना पड़ता है। इजरायल ने हमले के खतरे को देखते हुए पूरे देश में अज्ञात जगहों पर आयरन डोम सिस्‍टम की बैटरी को तैनात कर रखा है।
इजरायल ने वर्ष 2011 में पहली बार आयरन डोम सिस्‍टम को तैनात किया था। वर्ष 2006 में इजरायल-लेबनान युद्ध के बाद इजरायल सरकार ने इस सिस्‍टम को बनाने का ऐलान किया था। इजरायल-लेबनान युद्ध में हिज्‍बुल्‍ला ने हजारों की तादाद में रॉकेट इजरायल पर दागे थे। इस हमले से सबक लेते हुए इजरायल ने आयरन डोम सिस्‍टम को बनाने का फैसला किया था। आयरन डोम सिस्‍टम का निर्माण इजरायल के राफेल अडवांस्‍ड डिफेंस सिस्‍टम ने किया था। इसमें उसकी इजरायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज ने भी मदद की है। राफेल कंपनी का दावा है कि आयरन डोम 90 फीसदी हमलों को रोकने में सक्षम है। इसका एक मोबाइल वर्जन भी है जो सेना, उद्योगों और प्रशासनिक इमारतों को हवाई सुरक्षा देने का काम करता है। आयरन डोम का नौसैनिक वर्जन भी है जो समुद्र में इजरायली जहाजों को सुरक्षा प्रदान करता है। आयरन डोम दिन और रात दोनों ही समय काम करने में सक्षम है। इजरायल अमेरिका के लिए भी एक आयरन डोम बना रहा है जिसका नाम स्‍काई हंटर दिया गया है।

इजरायल ने हमास के हमलों का करारा जवाब देने के लिए हजारों की तादाद में सैनिक और टैंक गाजा सीमा पर तैनात कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर इजरायल के 160 विमान गाजा शहर में चुन-चुनकर हमास के ठिकानों पर तबाह कर रहे हैं। ताजा घटना में इजरायल के लड़ाकू विमानों, टैंक और तोपों ने हमास की मेट्रो सुरंगों पर बम बरसाकर उसे कई किलोमीटर तक तबाह कर दिया। इजरायली सेना ने एक बयान जारी करके कहा कि सुरक्षा बलों ने हमास के 150 ठिकानों को निशाना बनाया। इजरायल ने कहा कि हमास के सदस्‍य गाजा शहर से सुरंगे बनाते हैं ताकि इजरायल के अंदर घुसपैठ की जा सके। इजरायली सेना ने बताया कि कई रॉकेट लॉन्‍च करने के स्‍थानों को भी निशाना बनाया गया है। इजरायल के टैंक और हजारों की तादाद में सैनिक शुक्रवार को गाजा की सीमा पर पहुंच गए हैं। ये फलस्‍तीनी इलाकों में गोलाबारी कर रहे हैं। हमास के खिलाफ जोरदार कार्रवाई के लिए इजरायल ने अपने 9 हजार रिजर्व सैनिकों को काम पर बुलाया है। इजरायली अधिकारियों ने सीमा पर रहने वाले अपने लोगों को बंकरों के अंदर चले जाने को कहा है।
नेतन्याहू के इस बयान से कुछ ही देर पहले बाइडन ने इजरायली पीएम से ‘तनाव में महत्वपूर्ण कमी’ लाने की अपील की थी । दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में वाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह अमेरिका के किसी सहयोगी पर बाइडन की तरफ से डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव है। इसमें कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू से ‘संघर्ष विराम के रास्ते’ की तरफ बढ़ने को कहा। बाइडन पर भी और प्रयास करने का दबाव बढ़ रहा है क्योंकि संघर्ष में हुई मौतों का आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है।