
दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल भेजने के बाद भीषण हिंसा, लूटपाट और आगजनी का दौर शुरू हो गया है। हालत यह है कि सेना की तैनाती के बाद भी संघर्ष और आगजनी की घटनाएं जारी हैं। मंगलवार को जुमा समर्थकों ने कई शॉपिंग मॉल को आग के हवाले कर दिया। पिछले 5 दिनों से जारी इस हिंसा में अब तक 72 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोगों को अरेस्ट किया गया है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में यह पिछले कुछ दशकों में सबसे भीषण हिंसा है। पुलिस ने एक बयान जारी करके कहा कि प्रदर्शन के शुरू होने के बाद अब तक 72 लोग मारे गए हैं। पुलिस ने कहा कि ज्यादातर लोग दुकानों में लूटपाट के दौरान भगदड़ मचने से मारे गए। सबसे ज्यादा हिंसा गाउतेंग और क्वाजुलु नटाल प्रांतों में हो रही है। हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस और सेना की अशांति रोकने की कोशिश जारी है।
हिंसा की चपेट में जोहानिसबर्ग और डरबन जैसे शहर भी : अधिकारियों ने बताया कि गाउतेंग और क्वाजुलु नटाल प्रांतों में कई मौतें हुई, जहां लोगों ने कई दुकानों से भोजन, बिजली उपकरण, शराब और कपड़े चुराए। जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में गुरुवार को 15 महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद छिटपुट हिंसा भड़क गई थी। गाउतेंग प्रांत के प्रीमियर डेविड मखुरा ने बताया, ‘आपराधिक तत्वों ने स्थिति का फायदा उठाया। हालांकि, प्रांत में 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन स्थिति नियंत्रित होने से अभी दूर है। ’ हिंसा की चपेट में जोहानिसबर्ग और डरबन जैसे शहर भी आ गए हैं।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन से कहा, ‘हम समझ सकते हैं कि जो बेरोजगार हैं, उनके पास पर्याप्त भोजन नहीं है। हम समझ सकते हैं कि स्थिति महामारी के चलते बदतर हो गई। लेकिन यह लूट यहां हमारे कारोबार को कमजोर कर रही है।’ इस बीच मंगलवार को भी जोहानिसबर्ग के शॉपिंग मॉल में लूटपाट जारी रही। दुकानों में लूटपाट और आगजनी की वजह से कई बिजनसमैन तबाह हो गए हैं। वहीं विश्लेषकों का कहना है कि जुमा के जेल जाने के बाद इस तरह के भारी विरोध प्रदर्शन की आशंका थी।
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