
पाकिस्तान ने ग्वादर शहर के पास अरब सागर में अवैध रूप से मछली पकड़ रहीं पांच चीनी नौकाओं को जब्त किया है। पाकिस्तान ने यह कार्रवाई स्थानीय मछुआरों के विरोध के बाद की गई है। चीन की यह नौकाएं पाकिस्तान के आर्थिक अनन्य क्षेत्र में बिना मंजूरी के मछलियां पकड़ रही थीं। चीन के हाथों ग्वादर में अपनी जमीन खो चुके स्थानीय मछुआरों को अब समुद्र में मछली पकड़ने के अपने क्षेत्र को खोने का डर बैठ गया है।
ग्वादर से पांच चीनी ट्रॉलर हिरासत में : द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, मछली से लदे चीनी ट्रॉलरों को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने हिरासत में लिया है। ग्वादर में चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए गहरे समुद्री बंदरगाह का निर्माण कर रहा है। इस महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान के पास इन नौकाओं की संदिग्ध उपस्थिति की पाकिस्तानी एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। पाकिस्तान को शक है कि चीनी मछुआरों की आड़ में दुश्मन देश भी किसी हरकत को अंजाम दे सकते हैं।
कई हफ्तों से मछलियां पकड़ रही थी चीनी नौकाएं : चीन की यह नौकाएं पिछले कई हफ्तों से इस इलाके में मछलियां पकड़ रही थीं। जिसके बाद स्थानीय मछुआरों ने सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर चीनी ट्रॉलरों के खिलाफ रैली निकाली थी। इन मछुआरों ने चीनी नौकाओं पर पाकिस्तानी जल में मछली पकड़ने और मछली को वापस चीन भेजने का आरोप लगाया है। स्थानीय अधिकारियों और मछुआरों के एक समूह ने रविवार को चीनी ट्रॉलर में से एक का दौरा किया ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उसकी मछली प्रांतीय जल में पकड़ी गई है या नहीं।
पकड़ी गईं मछलियों को नीलाम करने की मांग : फिशरफोक एलायंस ग्वादर के अध्यक्ष खुददाद वाजू ने कहा कि मछुआरों का मानना है कि चीनी ट्रॉलर ने ग्वादर तट पर मछली पकड़ी थी।वे अधिक जानने के लिए आज अन्य चीनी ट्रॉलरों का दौरा कर रहे हैं। हम मांग करते हैं कि इन मछलियों को ग्वादर में नीलाम किया जाए और चीन नहीं ले जाया जाए।
स्थानीय मछुआरों ने किया चीन का विरोध : 70 वर्षीय अकबर रास पांच दशकों से मछुआरे हैं। उन्होंने कहा कि सदियों से हम यहां मछली पकड़ रहे हैं। मेरे दादा एक मछुआरे थे और मेरे बच्चे भी मछुआरे हैं। यह समुद्र हमें जीवन प्रदान करता है। चीनी ट्रॉलर यहां हमारी आजीविका खत्म करने के लिए हैं। हम उनका तब तक विरोध करेंगे जब तक सरकार उन्हें मछली पकड़ने का अधिकार देना बंद नहीं कर देती।
40 साल के लिए ग्वादर हुआ चीन का : ग्वादर के बंदरगाह को चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का प्रवेश द्वार माना जाता है। यह एक मल्टी डॉलर चीनी मेगाप्रोजेक्ट है, जिसे चीन रणनीतिक रूप से बढ़त पाने के लिए विकसित कर रहा है। 2017 में पाकिस्तान ने 40 साल के लीज समझौते के तहत ग्वादर के बंदरगाह का नियंत्रण एक चीनी राज्य द्वारा संचालित कंपनी चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी (COPHC) को सौंप दिया था।
चीन ने किया इनकार : वहीं ग्वादर पोर्ट की जिम्मेदारी संभाल रही चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी के चेयरमैन झांग बाओझोंग ने इस बात से इनकार किया कि हिरासत में लिए गए चीनी ट्रॉलर ग्वादर में मछली पकड़ रहे थे। उनका दावा था कि ये ट्रॉलर एक तूफान से बचने के लिए आश्रय ले रहे थे। उन्होंने दावा किया कि चीनी ट्रॉलरों ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के नियमों का पालन किया।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website