
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने तालिबान की धमकी को नजरअंदाज करते हुए कहा है कि उसे ‘अपने भाइयों की जमीन पर कब्जा खत्म’ करना चाहिए। एर्दोगान ने तालिबान से अपील की है कि दुनिया को अफगानिस्तान में कायम शांति दिखाएं। एर्दोगान ने तालिबान के तुर्की की सेना को धमकी देने पर खास प्रतिक्रिया नहीं दी। तालिबान ने तुर्की को चेतावनी दी थी कि काबुल एयरपोर्ट पर सैनिकों की तैनाती के भयानक नतीजे हो सकते हैं।
‘मुस्लिम ऐसे एक-दूसरे से पेश ना आएं’ : पाकिस्तान के जियो टीवी के मुताबिक एर्दोगान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘तालिबान को अपने भाइयों की जमीन पर कब्जा बंद कर देना चाहिए और दुनिया को दिखाना चाहिए कि अफगानिस्तान में शांति कायम है।’ उन्होंने कहा कि तालिबान का रास्ता ऐसा नहीं जिससे मुस्लिमों को एक-दूसरे से पेश आना चाहिए। तुर्की ने NATO के काबुल से निकलने के बाद अमेरिका से काबुल एयरपोर्ट की निगरानी की पेशकश की थी।
तालिबान ने दी थी धमकी : इससे पहले तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने रविवार को कहा था कि वह अफगानिस्तान में संघर्षविराम के लिए एक राजनीतिक समाधान का दृढ़ता से समर्थन करते हैं। उधर, अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के लड़ाकों ने देश के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ईरान, पाकिस्तान और तजाकिस्तान से लगते कुछ इलाकों की सीमा चौकियों पर भी तालिबान लड़ाके कब्जा जमा चुके हैं।
वहीं, अमेरिका और मध्य एशिया के 5 देशों ताजिकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान ने कहा है कि ताकत के बल पर आने वाली किसी भी नई अफगान सरकार को क्षेत्र से कोई समर्थन नहीं मिलेगा।
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