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जनता के प्रदर्शन में शामिल हुए अफगानी उपराष्ट्रपति, बोले- “तालिबान या पाक का खिलौना नहीं अल्लाह”

युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान के हेरात शहर में पिछले छह दिनों से भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है। बढ़ती हिंसा के बीच मंगलवार रात काबुल में अफगान नागरिकों ने तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जिसमें उपराष्ट्रपति अमरल्लाह सालेह ने भी हिस्सा लिया। तालिबान आतंकी शहर के करीब आकर लड़ाई कर रहे हैं और इसके साथ ही यहां की जनता भी सड़कों पर उतर आई है। जनता आतंकियों के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रही है।
अमरल्लाह सालेह ने हेरात शहर के हालात को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि हेरात में आतंकियों के खिलाफ जनता भी सड़कों पर उतर आई है। यहां पर ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लग रहे हैं। आतंकियों के साथ ही जनता पाकिस्तान के खिलाफ भी नारेबाजी कर रही है। यहां नारे लग रहे हैं, ‘अल्लाह पाकिस्तान का बनाया हुआ नहीं है।’ उन्होंने लिखा हेरात बुला रहा है। आज रात हेरात जोर से और साफतौर पर ‘ऑल अकबर’ का जप कर रहा है। अल्लाह महान है। अल्लाह तालिब आतंकियों के हाथ में कोई खिलौना नहीं है। हेरात दहाड़ रहा है। अल्लाह पाकिस्तानी प्रोडक्ट नहीं है। आज रात हेरात के लोग या तो सड़क पर हैं या बाहर छतों पर हैं और अफगानिस्तान नेशनल डिफेंस और सिक्यूरिटी फ़ोर्स का समर्थन कर रहे हैं।’
अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान के पहले पूर्व उप-राष्ट्रपति रहे हैं। इन दिनों वह लगातार खबरों में हैं। सालेह तालिबान के लिए पाकिस्तान के समर्थन के खिलाफ मुखर रहे हैं। सालेह उस आंदोलन के एक प्रमुख सदस्यों में थे जिसने 1990 के दशक के दौरान तालिबान से लड़ाई लड़ी थी। वह तालिबान को लेकर लगातार पाकिस्तान के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं। पाकिस्तान द्वारा तालिबान को सपोर्ट करने को लेकर उन्होंने इमरान सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई है। अभी उन्होंने फिर से ऐसा कुछ लिख दिया है जिसको लेकर सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के लोग नाराज हैं।
उधर, हेरात में सेना की कारवाई को लेकर अफगानिस्तान रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट करके बताया है कि 2 जुलाई को हेरात प्रांतीय केंद्र के बाहरी इलाके में अफगान सुरक्षा बलों और सार्वजनिक विद्रोह बलों द्वारा किए गए संयुक्त अभियान में 41 तालिबान आतंकी मारे गए और 32 घायल हो गए। इसके साथ ही हेरात शहर के बड़े इलाके को तालिबान आतंकियों से मुक्त कर दिया गया है। बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से ही तालिबान की हिंसा बढ़ गई है। तालिबान ने नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिए हैं। वही, अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों की सहायता करने का आरोप लगाया है। इसके विपरीत, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि तालिबान के कार्यों के लिए उनका देश जिम्मेदार नहीं है।