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UN के मंच से चीन के BRI पर आपत्ति जता रही थीं भारतीय राजनयिक, अचानक माइक हुआ बंद

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का कड़ा विरोध किया है। भारतीय राजनयिक जब चीन के इस विवादास्पद परियोजना के खिलाफ आपत्तियां दर्ज करवा रही थीं, तभी उनका माइक बंद हो गया। इस दौरान भारतीय राजनयिक के सामने संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव लियू झेनमिन बैठे थे। लियू चीन के पूर्व उप विदेश मंत्री रह चुके हैं।
बीआरआई का असली मकसद कुछ और : बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी परियोजना है। बीआरआई का उद्देश्य चीन का प्रभाव बढ़ाना और दक्षिणपूर्ण एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि एवं समुद्री मार्ग के नेटवर्क से जोड़ना है। चीन बीआरआई के जरिए श्रीलंका, लाओस, पाकिस्तान समेत कई अफ्रीकी देशों को कर्ज देकर अपना आर्थिक गुलाम बना चुका है। हालांकि, चीन का असली मकसद इस परियोजना के जरिए दुनिया के वैश्विक ट्रेड रूट पर कब्जा करना है।
चीन में आयोजित यूएन के सम्मेलन में हुई घटना : भारतीय राजनयिक की माइक बंद होने की यह घटना चीन की मेजबानी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सतत परिवहन सम्मेलन के दौरान हुई। इस सम्मेलन का आयोजन 14 से 16 अक्टूबर के बीच किया गया था। चीन के विरोध के दौरान भारतीय राजनयिक की अचान माइक बंद होने से ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई और उसे ठीक करने में कई मिनट लग गए।
यूएन के अवर महासचिव ने भारतीय वक्ता को दिया समय : यहां तक कि अगले वक्ता का वीडियो स्क्रीन पर शुरू हो गया लेकिन इसे संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव लियू झेनमिन ने रोक दिया, जो चीन के पूर्व उप विदेश मंत्री हैं। झेनमिन ने भारतीय राजनयिक एवं यहां भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव प्रियंका सोहनी से अपना भाषण जारी रखने का आग्रह किया।
साउंड सिस्टम बंद हुआ तो चीन ने जताया दुख : सम्मेलन कक्ष में साउंड सिस्टम बहाल हो जाने के बाद झेनमिन ने कहा ‘प्रिय प्रतिभागियों, हमें खेद है। हम कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे थे और अगले स्पीकर का वीडियो शुरू कर दिया। इसके लिए मुझे खेद है और सोहनी से अपना भाषण बहाल करने को कहा। आप भाग्यशाली हैं…आपका फिर से स्वागत है।’’ इसके बाद भारतीय राजनयिक ने बगैर किसी व्यवधान के अपना भाषण जारी रखा।
भारतीय राजनयिक ने चीन की बखिया उधेड़ी : प्रियंका सोहनी ने कहा, ‘‘हम भौतिक संपर्क बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आकांक्षा साझा करते हैं और हमारा मानना है कि यह समान और संतुलित तरीके से सभी के लिए व्यापक आर्थिक लाभ लेकर आएगा। इस सम्मेलन में बीआरआई का कुछ जिक्र किया गया है। यहां मैं कहना चाहुंगी कि जहां तक चीन के बीआरआई की बात है, हम इससे असमान रूप से प्रभावित हुए हैं। तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) में इसे शामिल करना भारत की संप्रभुता में दखलंदाजी करता है। ’’
चीन के कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने की तारीफ : भारतीय राजनयिक ने कहा कि कोई भी देश ऐसी किसी पहल का समर्थन नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मूल चिंताओं की अनदेखी करता हो। सोहनी से कुछ वक्ताओं के पहले एक पाकिस्तानी राजनयिक ने बीआरआई और सीपीईसी के तारीफों के पुल बांधे तथा इसे क्षेत्र के लिए निर्णायक बताया।
चीनी परिवहन मंत्री ने मांगी माफी : वहीं, भारतीय राजनयिक के भाषण के बाद चीनी परिवहन मंत्री ली शियोपेंग ने सोहनी द्वारा की गई आलोचना का जवाब देते हुए कहा, ‘‘जब भारतीय प्रतिनिधि बोल रही थी उस समय आई तकनीकी गड़बड़ी के लिए मैं माफी मांगना चाहूंगा। ’’