
ताइवान के रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि देश को खुद की रक्षा अवश्य करनी होगी और अगर चीन हमला करता है तो पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा। ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि अमेरिका उनके देश की रक्षा करेगा। मंत्री चिऊ कुओ चेंग ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, ‘देश को खुद पर भरोसा करना चाहिए और अगर कोई दोस्त या अन्य समूह हमारी सहायता कर सकते हैं तो जैसा कि मैंने पहले कहा कि हमें इससे खुशी होगी, लेकिन हम इस पर पूरी तरह निर्भर नहीं हो सकते हैं।’
चीनी ड्रैगन को टक्कर देगा भारत का ‘अग्निबाण’, जानें किसकी मिसाइल में कितना दम : संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित सत्र में सवाल किए जाने के बाद वह पत्रकारों से बात कर रहे थे। ताइवान और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है और चीन प्रायद्वीप से लगते अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में काफी संख्या में लड़ाकू विमान भेज रहा है और सैन्य उत्पीड़न के कदमों में बढ़ोतरी हुई है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन के पास 2025 तक प्रायद्वीप में घुसने की ‘व्यापक’ क्षमता होगी।
40 सालों में सबसे गंभीर ‘तनाव’ : चीन ताइवान को अपने राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा बताता है, जबकि लंबे गृह युद्ध के बाद 1949 में कम्युनिस्ट शासित चीन से अलग होने के बाद से यह स्वशासित देश रहा है। चिऊ ने कहा कि यह पिछले 40 वर्षों में चीन और ताइवान के बीच सबसे ‘गंभीर’ तनाव है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने ‘सीएनएन’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें विश्वास है कि अगर चीन प्रायद्वीप के खिलाफ कोई कदम उठाता है तो उन्हें विश्वास है कि अमेरिका ताइवान की रक्षा करेगा।
ताइवान सेना को ट्रेनिंग दे रहे अमेरिकी सैनिक : साई ने कहा, ‘अमेरिका के साथ हमारे लंबे समय से रिश्तों और अमेरिका के लोगों तथा वहां की कांग्रेस के सहयोग को देखते हुए मुझे पूरा विश्वास है।’ साई ने कम संख्या में अमेरिकी सैनिकों की प्रायद्वीप पर मौजूदगी की पुष्टि की ताकि वे ताइवान के सैनिकों के प्रशिक्षण में मदद कर सकें। अमेरिका का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, लेकिन अनधिकारिक रूप से इसके संबंध काफी मजबूत हैं। ट्रंप शासन के तहत अमेरिका ने ताइवान को हथियारों की बिक्री काफी बढ़ा दी थी।
चीन ने अमेरिकी मदद का किया विरोध : चीन ने गुरुवार को कहा कि वह ताइवान और अमेरिका के बीच सैन्य संबंधों का ‘दृढ़ता से’ विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘हम अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी तरह के आधिकारिक आदान-प्रदान और सैन्य संपर्कों का दृढ़ता से विरोध करते हैं।’ उन्होंने कहा कि हम चीन के आंतरिक मामलों में अमेरिकी हस्तक्षेप का विरोध करते हैं।
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