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श्रीलंका में राजपक्षे सरकार की विदाई तय

कोलंबो: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) में हालात अब बेकाबू होते जा रहे हैं। पूरे देश में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa News) ने संसद में बहुमत खो दिया है। अल्पमत में आई श्रीलंका की सरकार के खिलाफ विपक्ष के साथ पूर्व सहयोगी दलों ने भी मोर्चा खोलते हुए इस्तीफे की मांग की है। इस बीच श्रीलंका में भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजों की भारी कमी देखी जा रही है। रिकॉर्ड मुद्रास्फीति और और बिजली की कटौती ने श्रीलंका को और गंभीर संकट में डाल दिया है। कई लोग तो ऐसे भी हैं, जो पैसा होते हुए भी कुछ नहीं खरीद पा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने 24 घंटे के अंदर दिया इस्तीफा : राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार गंभीर राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रही है। मंगलवार को ही श्रीलंका के नए वित्त मंत्री अली साबरी ने पद संभालने के 24 घंटे के अंदर ही इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने भाई बासिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के बाद साबरी को नियुक्त किया था। बासिल राजपक्षे देश की सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के निशाने पर थे।
कई सहयोगी दलों ने छोड़ा सरकार का साथ : मंगलवार को जब संसद बुलाई गई तो सरकार के कई सहयोगियों ने तटस्थ रहने का फैसला किया। राष्ट्रपति राजपक्षे के पिछले हफ्ते देश में आपातकाल की घोषणा के बाद से यह संसद का पहला सत्र था। सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2020 के आम चुनावों में 150 सीटें जीती थीं और विपक्ष के सदस्यों के पाला बदलने से उसकी संख्या में और बढ़ोतरी हुई थी, हालांकि वह इनमें से कम से कम 41 सांसदों का समर्थन खोता हुआ दिखाई दे रहा है।
राजपक्षे सरकार के पास बहुमत से 5 कम सांसद : अब ऐसा प्रतीत होता है कि 225 सदस्यीय संसद में साधारण बहुमत के लिए आवश्यक 113 सीटों से उसके पास पांच कम, 109 सीटें हैं। सरकार ने हालांकि दावा किया कि उसके पास साधारण बहुमत है। श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइन, आवश्यक वस्तुओं की कम आपूर्ति और घंटों बिजली कटौती से जनता महीनों से परेशान है।
श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के असंतुष्ट सांसद छोड़ेंगे साथ : पार्टी सूत्रों ने सोमवार को राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि पूर्व राष्ट्रपति सिरीसेना की अगुवाई में श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के असंतुष्ट सांसद सत्तारूढ़ एसएलपीपी का दामन छोड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी के 14 सांसद यह कदम उठा सकते हैं। एक असंतुष्ट सांसद उदय गम्मनपिला ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार के बजट पर हुए अंतिम वोट में 225 में से 157 वोट पाने वाले गठबंधन से 50-60 सदस्यों का अलग होना तय है।