
यूक्रेन में भीषण हमले कर रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उत्तरी यूरोप में देश की सीमा के पास दोहरा झटका लगा है। फिनलैंड के बाद अब स्वीडन ने ऐलान कर दिया है कि वह उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) की सदस्यता की ओर कदम बढ़ा रहा है। स्वीडन की प्रधानमंत्री मागडालेना एंडरसन ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी नाटो में शामिल होने के आवेदन का समर्थन करेगी। इससे पहले फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने की पुष्टि की थी।
स्वीडन की प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 200 साल से हमारा देश गुटनिरपेक्ष था लेकिन हमारा मानना है कि यह नीति अब भविष्य में काम नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम सोशल डेमोक्रेट्स मानते हैं कि स्वीडन और हमारी जनता की सुरक्षा के लिए नाटो में सबसे अच्छा यह रहेगा कि हम नाटो में शामिल हों। इस फैसले को बहुत सतर्कतापूर्वक विचार विमर्श के बाद लिया गया है।’ मागडालेना ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह ऐलान किया।
200 साल से चली आ रही नीति को पलट रहा स्वीडन : पीएम ने माना कि स्वीडन नाटो में शामिल होने के ऐलान के जरिए देश की 200 साल से चली आ रही नीति को पलट रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारे सोशल डेमोक्रेट्स के लिए सेना के संबंध में गुटनिरपेक्ष नीति ने बहुत अच्छी भूमिका निभाई। लेकिन हमारा विश्लेषण यह बताता है कि यह नीति अब भविष्य में हमारी मदद नहीं करेगी। यह एक ऐसा फैसला है जिसे हमने हल्के में नहीं लिया है।’ स्वीडन की प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को वास्तविकता को स्वीकार करना होगा और वर्तमान माहौल के हिसाब से फैसले लेने होंगे।
मागडालेना ने कहा, ‘यह बहुत स्पष्ट है कि 24 फरवरी के पहले और बाद की घटना है। यूरोप, स्वीडन और हमारी जनता एक नए और खतरनाक वास्तविकता में जी रही है। यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था जिसके आधार पर स्वीडन ने सदियों से सुरक्षा नीति बनाई है, अब निशाने पर है।’ इससे पहले स्वीडन के करीबी देश फिनलैंड ने नाटो की सदस्यता के लिए अप्लाइ करने का ऐलान किया था। अब तक दोनों ही देशों ने ऐतिहासिक और भूराजनीतिक कारणों से नाटो में शामिल होने से परहेज किया था लेकिन रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद अब ये दोनों देश नाटो की सदस्यता की ओर बढ़ रहे हैं।
पुतिन ने फिनलैंड के राष्ट्रपति को दी धमकी : स्वीडन के पास यूरोप की सबसे शक्तिशाली वायुसेना है और यह रूस से बेहद करीब है। फिनलैंड और स्वीडन को इससे पहले रूस ने धमकी दी थी लेकिन उसका असर नहीं हुआ। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक फोन कॉल में फिनलैंड के अपने समकक्ष साउली निनिस्टो से कहा कि नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करना एक गलती है क्योंकि फिनलैंड की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। शनिवार को निनिस्टो ने अगले कुछ दिनों में नाटो की सदस्यता लेने के फिनलैंड के फैसले के बारे में पुतिन को फोन पर सूचित किया। क्रेमलिन ने एक बयान में कहा- जवाब में, पुतिन ने ‘इस बात पर जोर दिया कि सैन्य तटस्थता की पारंपरिक नीति को छोड़ना एक गलती होगी, क्योंकि फिनलैंड की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।’
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