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‘कायराना और बर्बर हमला’, शिंजो आबे को बीच रास्ते में मार दी गई गोली

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) का एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को गोली मारे जाने के बाद निधन हो गया. सरकारी मीडिया NHK ने इस संबंध में जानकारी साझा की. एनएचके ने बताया कि आबे (67) को पश्चिमी जापान के नारा में शुक्रवार को भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद ही पीछे से गोली मार दी गयी थी. आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति रुक गयी थी. अस्पताल में बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजो आबे के निधन पर लिखा कि मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं. वह एक महान वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक उल्लेखनीय प्रशासक थे. उन्होंने जापान (Japan) और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. शिंजो आबे के निधन के बाद भारत में एक दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया गया है. पीएम मोदी ने कहा है कि 9 जुलाई को देश में एक दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा.
संदिग्ध हमलावर गिरफ्तार : शिंजो आबे को गोली मारे जाने के बाद पुलिस ने घटनास्थल पर ही संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया था. घटना के बाद प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्री देशभर में अन्य प्रचार अभियानों को बीच में रोक कर टोक्यो लौट आए. किशिदा ने इस हमले को ‘कायराना और बर्बर’ बताया और कहा कि चुनावी अभियान के दौरान हुआ यह अपराध पूरी तरह अक्षम्य है. आबे 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस्तीफा देने से पहले, देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे. दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में इस घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है.
गहरे नीले रंग के कपड़े पहने हुए थे आबे : ‘एनएचके’ ने घटना का एक फुटेज प्रसारित किया है, जिसमें नारा में एक मुख्य ट्रेन स्टेशन के बाहर आबे को भाषण देते हुए देखा गया. जब गोली चलने की आवाज सुनी गयी तो आबे खड़े थे, उन्होंने गहरे नीले रंग के कपड़े पहने हुए थे और अपनी मुठ्ठी उठा रहे थे. इसके बाद फुटेज में आबे को सड़क पर गिरते हुए देखा गया और कई सुरक्षाकर्मी उनकी ओर भाग रहे थे. उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था और उनकी कमीज पर खून लगा हुआ था.
हमलावर की हुई पहचान : फुटेज में नजर आ रहा है कि इसके अगले क्षण ही सुरक्षाकर्मी भूरे रंग की कमीज पहने एक व्यक्ति को दबोच लेते हैं. जमीन पर एक बंदूक गिरी हुई दिखायी देती है. नारा की पुलिस ने हत्या की कोशिश के लिए एक संदिग्ध को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की और उसकी पहचान तेत्सुया यामागामी (41) के तौर पर की. ‘एनएचके’ ने बताया कि संदिग्ध 2000 में तीन साल के लिए समुद्री आत्म-रक्षा बल में सेवाएं दे चुका है.
किशिदा हुए भावुक : एक अन्य फुटेज में चुनाव प्रचार अधिकारियों को अपने लोकप्रिय नेता के आसपास इकट्ठा होते देखा गया. आबे सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रभावशाली नेता थे और वह उसके सबसे बड़े धड़े सेइवकाई का नेतृत्व करते थे. जापानी संसद के ऊपरी सदन के लिए मतदान रविवार को होना है. आबे पर हमले से भावुक किशिदा ने कहा, ‘मैं कड़े से कड़े शब्दों में इस कृत्य की निंदा करता हूं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेगी, लेकिन साथ ही कहा कि आबे को शीर्ष स्तर की सुरक्षा मिली हुई थी.
सड़कों पर रुक गए लोग : विपक्षी दलों के नेताओं ने हमले की निंदा करते हुए इसे जापान के लोकतंत्र के लिए चुनौती बताया. घटना के बाद टोक्यों में लोग अख़बारों के अतिरिक्त संस्करण लेने और टीवी कवरेज देखने के लिए सड़कों पर रुक गए. आबे ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें एक पुरानी बीमारी ‘अल्सरेटिव कोलाइटिस’ के चलते परेशानी हो रही है. आबे ने उस वक्त कहा था कि अपने कई लक्ष्यों को अधूरा छोड़ना उनके लिए ‘परेशान करने वाली बात’ है. उन्होंने वर्षों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी नागरिकों के मुद्दे, रूस के साथ क्षेत्रीय विवाद और जापान के युद्ध त्यागने वाले संविधान के संशोधन के मुद्दों को हल करने में अपनी नाकामी की बात की थी.
नियाभर के नेताओं ने की हमले की निंदा : दुनिया भर के नेताओं ने इस हमले की निंदा की है. आबे 2006 में 52 साल की उम्र में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उनका पहला कार्यकाल एक साल बाद अचानक समाप्त हो गया. आबे जब 2012 में फिर से प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, राजकोषीय प्रोत्साहन, मौद्रिक सुगमता और ढांचागत सुधारों पर जोर दिया. आबे ने छह राष्ट्रीय चुनाव जीते और जापान की रक्षा भूमिका और क्षमता तथा अमेरिका के साथ इसके सुरक्षा गठबंधन को मजबूत करते हुए सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाई.