
पिछले दिनों पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया इमरान खान पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम सत्ता के लिए पगला गए हैं। जरदारी ने यह बात उस समय कही जब एक रैली में इमरान ने देश की न्यायपालिका से लेकर पुलिस सिस्टम तक पर हमला बोला। जरदारी के तेवर एकदम से सख्त हुए हैं। जून 2019 में वह गिरफ्तार हुए और दिसंबर 2019 में वह जेल से छूट कर आए थे और अब इमरान पर हमला बोलते हुए नजर आ रहे हैं। जरदारी साल 2008 से 2013 तक देश के राष्ट्रपति थे और उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हुए हैं। जरदारी को एक समय पाकिस्तान में ‘मिस्टर 10%’ तक कहा जाता था।
बेनजीर के पति : आसिफ अली जरदारी, पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो के पति हैं। जब वह साल 2008 में राष्ट्रपति बने तो पाक मीडिया में ‘मिस्टर टेन परसेंट देश के नए राष्ट्रपति बने,’ इस हेडलाइंस के साथ खूब खबरें छपीं। जरदारी को पाकिस्तान का सबसे भ्रष्ट राजनेता माना जाता है। दिसंबर 2019 में वह पहली बार जेल से बाहर नहीं आए थे बल्कि कई बार जेल गए और फिर जमानत पर रिहा होकर आए। जरदारी ने करीब 12 साल जेल में बिताए हैं। साल 1990 में वह पहली बार तीन साल के लिए जेल गए और इसके बाद फिर साल 1996 में जेल गए। उस समय वह 8 साल के लिए जेल में थे। राष्ट्रपति बनने से पहले भी वह जेल से छूटकर आए थे।
तो इसलिए बने मि. 10% : साल 1987 में जरदारी ने बेनजीर भुट्टो से शादी की थी। दक्षिणी सिंध प्रांत के रहने वाले जरदारी को उस समय तक बहुत कम लोग जानते थे। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने सरकार में अपने लिए मजबूत जगह बना ली। जरदारी के पास जल्द ही वित्त और पर्यावरण से जुड़े मंत्रालय आ गए। यहीं से जरदारी मिस्टर 10 परसेंट बनते चले गए। जो कोई भी भुट्टो सरकार के साथ बिजनेस करना चाहता, जरदारी उससे पहले अपने लिए 10 फीसदी कमीशन तय कर लेते।
साल 2010 में जरदारी ब्रिटेन के दौरे पर गए थे और यहां पर उन्होंने तत्कालीन ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरुन ने मुलाकात की। इस मीटिेंग के बाद कई तरह के चुटकुले बने। इन चुटकुलों में से ही एक था कि कैमरुन ने जरदारी से हाथ मिलाने के बाद अपनी उंगलियां जरूर गिन लेनी चाहिए। इसके बाद साल 2020 में पाकिस्तान के पेट्रोलियम मिनिस्टर रहे उमर अयूब ने सदन में जरदारी को ‘मिस्टर 10 परसेंट’ कहकर संबोधित किया तो बवाल हो या था।
कैसे मिला यह नाम : कहते हैं कि जरदारी अपनी पत्नी के प्रशासन से बाहर रहते थे लेकिन अपने करीबियों के साथ मिलकर वह भ्रष्टाचार में शामिल रहे। जरदारी को कई बार भुट्टो प्रशासन के गिरने का भी जिम्मेदार बताया जाता है। जब साल 1990 में भुट्टो की सरकार गिरी तब जरदारी और बेनजीर दोनों को ही देश छोड़ने से मना कर दिया गया था। दोनों पाकिस्तान आर्मी के सुरक्षा साए में रह रहे थे। अगस्त और अक्टूबर 1990 में जब देश में अंतरिम सरकार बनी तो गुलाम मुस्तफात जतोई पीएम बने।
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