
अमेरिका ने हाल ही में हवा से जमीन पर हमला करने वाली स्टैंडऑफ मिसाइल JASSM-ER का टेस्ट किया है। इस मिसाइल को अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक बॉम्बर जेट बी-2 पर फिट करके दागा था। इसकी वजह से मिसाइल की विध्वंस्क क्षमता में और इजाफा हो गया है। माना जा रहा है कि यह मिसाइल प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी हितों की सुरक्षा में बड़ा रोल अदा करने वाली है। इस मिसाइल को नॉर्थरोल ग्रुमन की तरफ से डेवलप किया गया है। बी-2 बॉम्बर ने इस क्रूज मिसाइल को दिसंबर 2021 में भी सफलता पूर्वक दागा था। इसके बाद एयरक्राफ्ट की क्षमताओं में इजाफा हो या था। यह मिसाइल कहीं पर भी स्थित टारगेट को कभी भी तबाह कर सकती है।
एक बार में 16 मिसाइलें : बी-2 बॉम्बर भारी मात्रा में इस मिसाइल के साथ खतरनाक हथियार ले जाने में सक्षम है। यह बॉम्बर एक बार में 16 मिसाइलों को कैरी कर सकता है। इस मिसाइल की रेंज 965 किलोमीटर है जबकि ओरिजनल JASSM मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर ही है। अब इस नई अपग्रेडेड मिसाइल में फ्यूल क्षमता को बढ़ाया गया है और टर्बोफैन इंजन को बेहतर कर दिया गया है। इस मिसाइल के अलावा बी-2 में आने वाले दिनों में कुछ और बदलाव होंगे। तमाम अपग्रेड्स के बाद यह बॉम्बर जेट हमेशा अमेरिकी सेनाओं का सबसे ताकतवर हथियार बना रहेगा। बी-2 को इन क्रूज मिसाइलों से फिट करने के बाद इसकी मारक क्षमता और रेंज में खासा इजाफा हो गया है। इसके बाद अमेरिका मॉर्डन एयर डिफेंस में दुनिया की बाकी सेनाओं से कहीं आगे निकल गया है। इस नए अपग्रेड के बाद बॉम्बर क्रू पर कोई खतरा नहीं आ सकता है।
कई और खास फीचर्स : बी-2 में कई तरह के स्टेल्थ फीचर हैं जैसे कि इसकी फ्लाइंग विंग डिजाइन, इस पर एक खास मैटेरियल की कोटिंग, एयर डिफेंस के लिए एडवांस्ड सिस्टम और साथ ही हाई वैल्यू वाले टारगेट्स को डराने की क्षमता। इन तमाम क्षमताओं के बाद यह बॉम्बर अब 15,240 मीटर की उड़ान पर भी सुपरसोनिक स्पीड से उड़ सकेगा। साथ ही बिना दोबारा ईधन डाले यह 9600 किलोमीटर तक जा सकेगा। किसी भी फाइटर जेट में स्टेल्थ का मतलब इसका नजर न आना नहीं होता है बल्कि कितनी तेजी से टारगेट का पता लगाकर वह हथियार लॉन्च कर सकेगा यह भी अहम होता है।
चीनी वॉरशिप पर हमला : JASSM-ER को चीन की वॉरशिप्स पर हमले के लिए प्रयोग किया जा सकेगा और चीनी वायुसेना के रिटायर्ड ऑफिसर फु कियानशो ने यह बात कुबूल की है। प्रशांत क्षेत्र में चीन की वायुसेना ने खास उपकरण तैनात कर रखे हैं। फु की मानें तो JASSM-ER आसानी से चीन के किसी भी हाइपरसोनिक हथियार का पता लगा सकती है। कुछ और रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो हाइपरसोनिक स्पीड पर टारगेट करना और ट्रैक करना सबसे मुश्किल काम होता है। वहीं वो यह भी मानते हैं कि JASSM-ER मिसाइलों को छाटा आकार उन्हें काफी फायदा पहुंचाने वाला है। ये मिसाइलें किसी भी छोटे टारगेट पर आसानी से हमला कर सकते हैं।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि दुश्मन के रडार बी-2 बॉम्बर का पता भले ही लगा लें लेकिन वह इन मिसाइलों को तब तक ट्रैक नहीं कर पाएंगे जब तक वो 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर न हो। इतनी दूरी पर मिसाइल को इंटरसेप्ट करके रोकना काफी मुश्किल हो जाता है। माना जा रहा है कि इन मिसाइलों को एंटी-शिप मिशन के लिए तैनात किया जा सकता है।
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