
ईरान ने भारत को चीन के साथ हुए रणनीतिक समझौते के तर्ज पर डील का ऑफर दिया है। इसमें भारत को पेट्रोलियम के दाम में रियायत और मध्य एशिया तक पहुंच के लिए सुरक्षित गलियारा जैसे ऑफर शामिल हैं। हालांकि, भारत की तरफ से ईरान के इस ऑफर पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। ईरान ने चीन के साथ वर्ष 2021 में एक बड़ा रक्षा समझौता किया था। इस सौदे से जुड़े डिटेल को दोनों ही देशों ने गुप्त रखा हुआ है। ईरान इस वक्त अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ऐसे में वह अपनी ऊर्जा और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद से ही भारत ने ईरान से तेल आयात को स्थगित कर रखा है।
चीन-ईरान ने 20 साल के लिए समझौते पर किए हैं हस्ताक्षर – रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान-चीन रक्षा समझौते के तहत दोनों देशों ने 25 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें चीन ने ईरान के बुनियादी ढांचे और ऊर्जा क्षेत्र में करीब 400 अरब डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था। इसके बदले में ईरान ने चीन को रियायती दर पर तेल की स्थिर आपूर्ति करने का आश्वासन दिया था। इस सौदे को पश्चिम एशिया में चीन के बड़े विस्तार के तौर पर प्रचारित किया गया था। इतना ही नहीं, इसे ईरान के लिए गैर पश्चिमी निवेश आकर्षित करने के क्षेत्र में बड़ी सफलता बताया गया था।
भारतीय निवेश से क्या हासिल करना चाहता है ईरान – ईरान भारतीय निवेश को आकर्षित कर अपने ट्रांसपोर्ट और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना चाहता है। इसके लिए ईरानी सरकार ने भारत को चीन की तरह ही एक स्ट्रैटजिक डील का ऑफर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान के उप विदेश मंत्री अली बघेरी कानी ने पिछले महीने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान विशेषज्ञों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान इस प्रस्ताव की पुष्टि की थी। तेहरान के प्रस्तावित भारत-ईरान समझौते का विवरण अभी तक स्पष्ट नहीं है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस प्रस्ताव को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
भारत को फायदे गिनवा रहा ईरान – विशेषज्ञों ने बताया कि चीन की तरह भारत के साथ ईरान का स्ट्रैटजिक डील का ऑफर काफी महत्वपूर्ण है। ईरान, अमेरिकी प्रतिबंधों से पहले भारत के लिए शीर्ष तेल सप्लायर्स में से एक था। ऐसे में तेल से समृद्ध ईरान के साथ नया समझौता भारत में तेल की कीमतों को कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। ईरान ने अक्सर भारत को तेल सप्लाई करने की अपनी इच्छा दोहराई है। ईरान ने भारत को आश्वासन दिया है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण तेल की बढ़ती कीमतों के बीच यह डील ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
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