हाल के कुछ वर्षों में दुनिया ने हथियारों के क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच काफी गंभीर प्रतिद्वंदिता देखी है। ऐसे समय में जब यूक्रेन में जंग जारी है तो दोनों देशों के बीच हथियारों की होड़ फिर से बढ़ गई है। मगर ऐसा लगता है कि चीन ने अमेरिका से बाजी मार ली है। चीन ने दावा किया है कि उसने दुनिया का पहला ऐसा जहाज बना लिया है जिसे कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है। चीन का कहना है कि यह जहाज पूरी तरह से अपने आप ही ऑपरेट होता है। यह चीन का ड्रोन कैरियर है जिसका नाम झू है यूं है।
मई 2022 में हुआ था लॉन्च – मई 2022 में चीन ने झू है यूं को लॉन्च किया था। हाल ही में दक्षिणी चीन के गुआंगदोंग प्रांत में स्थित जुहाई बंदरगाह पर यह पहली बार पहुंचा है। करीब डेढ़ साल के बाद यह जहाज संचालन के लिए तैयार है। आठ महीने बाद जहाज की डिलीवरी को चीन की सेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि करार दिया जा रहा है। यह चीन का पहला ऐसा जहाज है जिसे सिस्टम साइंटिफिक रिसर्च शिप के तौर पर जाना जा रहा है, पूरी तरह से ऑटोनॉमस नेविगेशन ओर रिमोट कंट्रोल फंक्शंस से लैस है।
रिमोट कंट्रोल से लैस – इस जहाज के रिमोट कंट्रोल से लैस होने का मतलब है कि यह पूरी तरह से स्वतंत्र तौर पर खुले जलमार्ग पर खुद को नेविगेट कर सकती है। इस ड्रोन कैरियर को सदर्न मरीन साइंस एंड इंजीनियरिंग गुआंगदोंग लैबोरेट्री की देखरेख में तैयार किया गया है। चीन क्लासिफिकेशन सोसायटी (CCS) की तरफ से इसे पहली इंटेलीजेंट शिप होने का सर्टिफिकेट भी दिया गया है। चीन का ऐसा कहना है कि यह ड्रोन कैरियर महासागर पर एक वैज्ञानिक अध्ययन करेगा। ग्लोबल टाइम्स की मानें तो जहाज की तरफ से कुछ परीक्षण भी किए जाएंगे। यह जहाज कई ट्रायल्स के बाद बंदरगाह पर पहुंचा है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की ताकत – जो बात इस जहाज को सबसे अलग करती है, वह है इसका आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से लैस होना। एआई को चौथी क्रांति का हिस्सा माना जा रहा है जो हथियार से ज्यादा खतरनाक टेक्नोलॉजी होने वाली है। चीन ने बड़े पैमाने पर सैन्य और असैन्य मकसद के लिए इसका प्रयोग शुरू कर दिया है, इस ड्रोन कैरियर से यह बात साबित हो जाती है।
नौसेना का हथियार – यह ड्रोन कैरियर 2000 टन वजन का है और 88.5 मीटर लंबा है। एक घंटे में यह 18 नॉट्स यानी 33 किलोमीटर की स्पीड हासिल कर सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो रिसर्च और जासूसी के लिए यह एक बार में कई ड्रोन लॉन्च कर सकता है। इस बात की आशंका है कि चीन किसी भी क्षेत्र में अपने मनमुताबिक इसका प्रयोग कर सकता है। अभी तक चीन ने इसे मिलिट्री जहाज नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि यह चीनी नौसेना का बड़ा हथियार बन सकता है।
China on Thursday delivered the world’s first seaborne drone carrier, the Zhu Hai Yun, capable of operating on its own. The unmanned carrier can be controlled remotely and navigate autonomously in open water. It will undertake marine scientific research. pic.twitter.com/mqEXMX24SF
— Zhang Meifang张美芳 (@CGMeifangZhang) January 13, 2023