
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 2021 में क्रिसमस के दिन हत्या करने की मंशा रखने वाले एक ब्रिटिश सिख ने राजद्रोह करने का अपराध शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। आरोपी को विंडसर पैलेस के मैदान से पकड़ा गया था। आरोपी जसवंत सिंह चैल (21) की गिरफ्तारी के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में यह देखने को मिला कि चैल 1919 में अमृतसर में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए महारानी की हत्या करना चाहता था।
31 मार्च को सुनाई जाएगी सजा – लंदन की ओल्ड बेली अदालत में चैल ने ब्रिटेन के राजद्रोह अधिनियम के तहत अपराध स्वीकार कर लिया। अदालत 31 मार्च को चैल को सजा सुनाएगी। मामले की जांच करने वाले दल का नेतृत्व कर रहे कमांडर रिचर्ड स्मिथ ने घटना को ‘‘बेहद गंभीर’’ करार देते हुए उस दौरान गश्त कर रहे अधिकारियों की सक्रियता की प्रशंसा की। स्मिथ ने कहा, ‘‘उन्होंने तीर-कमान से लैस एक नकाबपोश व्यक्ति का सामना करने के लिए जबरदस्त बहादुरी दिखाई और फिर बिना किसी को नुकसान पहुंचाए उसे हिरासत में ले लिया।’’
क्या हुआ था उस दिन – 25 दिसंबर 2021 को चैल को उस समय महल के ग्राउंड पर देखा गया था जब वह प्राइवेट सेक्शन में मौजूद था। रॉयल प्रोटेक्शन ऑफिसर्स ने उसे देखा था। गेट पर मौजूद ऑफिसर्स जो प्राइवेट अपार्टमेंट्स की तरफ बढ़ रहे थे, उन्होंने चैल को देखा। चैल उस समय बेरोजगार था। लेकिन उसने एक सुपरमार्केट में कुछ दिनों तक काम किया था। एक रस्सी की मदद से वह मैदान तक पहुंच गया था। चैल ने हुडी और मास्क पहना था। ऑफिसर ने तब अपने टेजर से मैसेज भेजा कि क्या चैल को मदद चाहिए? तब चैल ने जवाब दिया, ‘मैं महारानी को मारने के लिए आया हूं।’
चैल बोला- महारानी को मारने आया हूं- इसके तुरंत बाद चैल से उनका हथियार गिराने के लिए कहा गया। चैल ने तीर-धनुष जैसा हथियार जिसे क्रॉसबो कहते हैं, उससे महारानी को मारने की योजना बनाई थी। ऑफिसर के कहने पर उसने हथियार नीचे रख दिया और घुटनों के बल बैठ गया। उसका हाथ सिर पर था। चैल ने फिर दोहराया, ‘मैं यहां पर महारानी को मारने आया हूं।’
Home / News / तीर-कमान से महारानी एलिजाबेथ की हत्या कर जलियांवाला बाग का बदला लेना चाहता था सिख युवक, स्वीकारा राजद्रोह
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