
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कंगाल होने की तरफ तेजी से बढ़ रही है और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कश्मीर-कश्मीर चिल्ला रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि कश्मीर मुद्दे को 20 साल तक लटकाए रखने की साजिश रची गई। उन्होंने दावा किया कि कोई भी पाकिस्तानी इस बारे में सोच नहीं सकता। उनके इस दावे के बाद इमरान खान को भी कश्मीर मुद्दे पर शेखी बघारनी पड़ी है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है और भारत की वैश्विक कूटनीति की सफलता ने पाकिस्तान को कोने में धकेल दिया है, खासकर प्रमुख इस्लामिक देशों में लेकिन शहबाज शरीफ कश्मीर मुद्दे को हवा देने में व्यस्त हैं।
शहबाज ने कश्मीर में जनमत संग्रह का किया समर्थन – पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, कुछ समय पहले, कुछ लोगों ने (स्पीकर के) कक्ष में मेरे साथ साझा किया कि अगले 20 वर्षों तक कश्मीर में जनमत संग्रह को टालने की साजिश रची गई थी। कश्मीरियों के साथ इससे बड़ी कोई साजिश और क्रूरता नहीं हो सकती है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि कोई भी पाकिस्तानी राजनेता या सैनिक ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकता है।
शहबाज ने आईएमएफ का का दुखड़ा रोया – डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री शरीफ का खुलासा पर्दे के पीछे की कूटनीति के माध्यम से 20 वर्षों से कश्मीर मुद्दे के ठंडे बस्ते में होने के बारे में कुछ समय से चल रही अफवाहों की परोक्ष पुष्टि थी। उन्होंने इसमें कोई विवरण नहीं दिया। उन्होंने कहा- हम बड़ी वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जब मैं यहां आपसे बात कर रहा हूं, इस्लामाबाद में आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल हर किताब और एक-एक पैसे की सब्सिडी की जांच कर रहा है। शरीफ ने कहा- हमें जीना है, लेकिन जीवित राष्ट्रों की तरह, न कि भीख के कटोरे के साथ। यह पिछले 75 वर्षों में होता रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इसे रोकना होगा और यह तब रुकेगा जब पूरा देश गरीबी, भुखमरी और महंगाई को चुनौती देने के लिए एकजुट होगा और देश के आंतरिक संसाधनों को उत्पन्न करेगा।
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