
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि इटली की अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीद के सौदे में नियमों को तोडा मरोडा गया और सरकार इस मामले में रिश्वत लेने वालों तथा पर्दे के पीछे से काम करने वालों का चेहरा बेनकाब करने में कोई कोर कसर नहीं छोडेगी। राज्यसभा में पार्रिकर ने कहा कि देश जानना चाहता हैं कि आखिर घूस का पैसा किसे मिला हैं।
पर्रिकर ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में रिश्वत के मुद्दे पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि इस सौदे में रिश्वत ली गयी। इटली के न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि भारत में शीर्ष स्तर के नीति निर्धारक इस मामले में शामिल है। उन्होंने कहा कि इटली के न्यायालय के फैसले में सामने आये नामों का भी संज्ञान लिया जायेगा और दोषियों तथा पर्दे के पीछे से काम करने वालों को बेनकाब किया जायेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस सौदे में नियमों को तोडा मरोडा गया और अगस्ता वेस्टलैंड को ध्यान में रखकर एक विक्रेता की स्थिति बनाने के लिए मानदंडों में फेरबदल किये गये। उन्होंने कहा कि अगस्ता के हेलिकॉप्टर ए डब्ल्यू 101 को चुनने तथा इसके प्रतिद्वंद्वी हेलिकॉप्टर को दौड से बाहर करने के लिए केबिन की 1.8 मीटर की उंचाई के मानदंड को अनिवार्य बनाया गया जबकि यह शुरूआती शर्तों में यह बांछनीय शर्त थी। इस कदम से एक विक्रेता की स्थिति बन गयी।
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