चार और पांच अप्रैल को भारत और पाकिस्तान (India Pakistan) के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिलेगा। गोवा की राजधानी पणजी में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन सम्मेलन (SCO Summit 2023) का आयोजन होना है। इस सम्मेलन में एसीसीओ देशों के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भूट्टो (Bilawal Bhutto) भी मौजूद होंगे। कई विशेषज्ञों की मानें तो बिलावल का भारत दौरा दोनों देशों की मीडिया के लिए मसाला परोसने वाला होगा। लेकिन उनके आने से रिश्तों पर कुछ खास फर्क पड़ेगा, इस बात की संभावना बहुत कम है। भारतीय विशेषज्ञों की मानें तो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार तब तक नहीं होगा जब तक पाकिस्तान की विदेश नीति को उनके देश में समर्थन मिलेगा। इसमें एक बड़ा रोल पाकिस्तानी सेना का भी है जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल है।
एक दशक में पहले विदेश मंत्री – पिछले 10 सालों यानी एक दशक में भारत आने वाले बिलावल पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। उनका यह दौरा यह बताने के लिए काफी है कि आतंरिक स्तर पर पाकिस्तान में भारत और दुनिया की राजनीति को लेकर कितने मतभेद हैं। बिलावल के साथ एससीओ सम्मेलन में पाकिस्तान के परममित्र चीन के भी विदेश मंत्री मौजूद होंगे। लेकिन पाकिस्तान के विचारक भारत दौरे को एक अपमान के तौर पर देख रहे हैं।
Home / News / एक दशक बाद पाकिस्तान से भारत आ रहा कोई विदेश मंत्री, कैसे भुट्टो की यात्रा है जनरल मुनीर का बड़ा चैलेंज