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क्रेमलिन पर हमला रूस का फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन तो नहीं, क्या यूक्रेन में कुछ बड़ा करने की सोच रहे पुतिन?


मॉस्को: रूस की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह क्रेमलिन पर यूक्रेनी ड्रोन हमलों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों को आशंका है कि यूक्रेन के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह रूस की राजधानी मॉस्को के अंदर क्रेमलिन पर हमला कर सके। लोगों का यह भी कहना है कि क्रेमलिन पर हमला यूक्रेन के लिए आत्मघाती कदम होगा। ऐसे में यूक्रेन कभी नहीं चाहेगा कि वह सीधे-सीधे पुतिन को चुनौती दे। हालांकि, रूस ने दावा किया है कि क्रेमलिन पर हुए ड्रोन हमलों के पीछे यूक्रेन का हाथ है। रूस ने इस हमले का बदला लेने की भी बात कही है। यूक्रेन ने इस हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्रेमलिन पर ड्रोन हमला कहीं रूस का फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन तो नहीं है।
क्या होता है फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन – फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है, जहां एक देश चोरी-छिपे, जानबूझकर अपनी संपत्ति, आम लोग या सैनिकों के ऊपर हमला करता है। हालांकि, दुनिया के सामने वह बताता है कि यह उसके दुश्मन देश ने किया है। इसकी आड़ में फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन करने वाले देश को दुश्मन पर हमला करने का बहाना मिल जाता है। फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन का इतिहास काफी पुराना है। इस शब्द की उत्पत्ति समुद्री लुटेरों से हुई जो मित्र देशों के झंडे लगाकर व्यापारी जहाजों को अपने नजदीक आने देते थे। बाद में वे उन पर हमला कर लूट लेते थे। फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन के जरिए ही जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत की थी।
रूस क्यों करना चाहेगा फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन – रूस लगभग डेढ़ साल से यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है। इसकी रूस को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। ऐसे में रूस चाहता है कि जल्द से जल्द युद्ध खत्म हो जाए और स्थिति सामान्य हो। आशंका है कि इसी कारण रूस फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन के जरिए यूक्रेन के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बना सकता है। इससे यूक्रेन के सामने हथियार डालने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा और रूस दुनिया को यह बता सकेगा कि उसने जवाबी कार्रवाई में यूक्रेन पर हमला किया है। रूस के फॉल्स फ्लैग ऑपेरशन का डर लंबे समय से जताया जा रहा है। कई बार पश्चिमी देशों ने दावा किया है कि रूस इसके बहाने यूक्रेन पर परमाणु हमला तक कर सकता है।