
पाकिस्तान ने भारत की नकल करते हुए बड़ी हेकड़ी के साथ रूस से ‘सस्ता’ तेल खरीदा और इसकी पहली खेप अब कराची बंदरगाह पहुंच गई है। यूक्रेन युद्ध के बीच पाकिस्तान और रूस के बीच 2 लाख 50 हजार बैरल कच्चे तेल की डील हुई है। इस तेल की डील में विवाद खड़ा हो गया है और पाकिस्तान के एक्सपर्ट ने दावा किया है कि इससे उनके देश को फायदा हुआ या नहीं लेकिन भारत और UAE के बिचौलिए जरूर मालामाल हो गए हैं।
रूस से आया तेल पाकिस्तान की रिफाइनरी में भेजा जा चुका है। पाकिस्तान को अभी रूस से 45 हजार मीट्रिक टन तेल मिला है। इसकी दूसरी खेप उसे जल्दी ही मिलने वाली है। रूसी तेल के पाकिस्तान पहुंचने पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं PTI समर्थक इसे इमरान खान की उपलब्धि बता रहे हैं। इस श्रेय लेने की होड़ के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी तेल से भारत और UAE कूटनीति के जरिए मालामाल हुए हैं और पाकिस्तान के हाथ केवल लॉलीपॉप लगा है। पाकिस्तान के चर्चित बिजनस अखबार बिजनस रेकॉर्डर के संपादक और आर्थिक मामलों के जानकार वकास कहते हैं कि पाकिस्तान के रूसी तेल खरीदने से भारत और यूएई के बिचौलिये जमकर कमाई किए हैं।
उन्होंने बताया कि रूस से चला तेल पहले भारत आया। इसके बाद भारत के गुजरात राज्य से यह फिर यूएई गया। इसके बाद यह तेल यूएई से फिर पाकिस्तान गया। गुजरात के पास ही पाकिस्तान का कराची पोर्ट है जहां अभी यह तेल उतरा है। वकास ने कहा कि इस पूरे तेल के खेल से भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बिचौलियों ने जमकर पैसा बनाया है। वकास ने कहा कि रूस ने यह तेल भारत को 52 डॉलर प्रति बैरल में बेचा और इसके बाद भारत ने इसे यूएई को बेच दिया। इसके बाद इसे यूएई से पाकिस्तान को बेच दिया गया। पाकिस्तान को यह तेल 69 डॉलर प्रति बैरल का पड़ा। उन्होंने दावा किया कि भारतीय खरीदार ने इस पाकिस्तानी तेल के सौदे में 17 डॉलर प्रति बैरल की कमाई की है। उन्होंने बताया कि रूस और पाकिस्तान के बीच यह करीब 2 लाख 50 हजार बैरल की डील है। ऐसे में पाकिस्तान के हाथ केवल लॉलीपाप लगा है।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website