भारत द्वारा प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठनों के माध्यम से अभी भी आतंकी प्रवृत्ति के लोग विदेशों में शरण ले रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब में कई आपराधिक मामलों में वांटेड अपराधी जत्था लखरीवाल का स्वयंभू प्रधान सुरिंदर सिंह लखरीवाल आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) के माध्यम से अमरीका पहुंच गया है।
बताया जा रहा है कि वहां पर उसने राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया है। राजनीतिक शरण के चक्कर में वह भारत विरोधी गतिविधियों में जुटा है और जिस देश का अन्न खाकर बड़ा हुआ, उसके तिरंगे का अपमान करने से भी नहीं चूक रहा है।भारतीय एजैंसियों को चकमा देकर सुरिंदर सिंह लखरीवाल जर्मनी, हॉलैंड के रास्ते अमरीका पहुंचने में कामयाब हो गया। उसने पहले जर्मनी में बब्बर खालसा और यूरोप में एस.एफ.जे. के नाम पर राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया था। लखरीवाल पंजाब के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्जनों मामले दर्ज हैं और कई मामलों में वह जमानत पर रिहा हुआ था। लखरीवाल ने खालिस्तान जनमत संग्रह कार्यक्रम के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान किया।
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हुए हमले में लखरीवाल के लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है ताकि वे अमरीका में राजनीतिक शरण ले सकें। एस.एफ.जे. के लोग विदेश में उज्ज्वल भविष्य के लिए आने वाले छात्रों को पैसों और स्थायी नागरिकता देने का लालच दे रहे हैं। लखरीवाल के पंजाब से विदेश भागने के सबूत मिलने के बाद सरकार उसे भारत लाने की तैयारी में जुट गई है।