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आर्मेनिया की सेना के सरेंडर तक नहीं रोकेंगे युद्ध अभियान… अजरबैजान ने नागोर्नो काराबाख पर हमले के बाद किया ऐलान


अजरबैजान ने आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है। अजरबैजान ने आर्मेनिया के नियंत्रण वाले नागोर्नो-काराबाख में तोपखानों से समर्थन देते हुए अपने सैनिकों को भेजा है। उसने इसे एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन बताया है। अजरबैजान ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक आर्मेनियाई सेना आत्मसमर्पण नहीं करती तब तक उसका अभियान नहीं रुकेगा। मंगलवार को हुए हमलों से इस इलाके में एक नए युद्ध का खतरा बढ़ गया है। सोवियत संघ के पतन के बाद से यह एक फ्लैशपॉइंट रहा है।
अजरबैजान की ओर से यह हमला शुरू करने से कुछ घंटे पहले उसके चार सैनिक और 2 नागरिक लैंडमाइन की चपेट में आने से मारे गए। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इसका उद्देश्य ‘हमारे क्षेत्रों’ से आर्मेनिया के सशस्त्र बलों के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त और इलाके को सुरक्षित करना है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अजरबैजान की सेना ने मंगलवार को 60 से ज्यादा चौकियों पर कब्जा कर लिया और 20 सैन्य वाहनों को अन्य हार्डवेयर के साथ नष्ट कर दिया।
क्या बोला आर्मेनिया – आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने हमलों की निंदा की और कहा कि अजरबैजान ने जातीय सफाई की नीति को अपनाते हुए नागोर्नो-काराबाख के लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू किया है। अभी यह साफ नहीं है कि सैन्य हमले में कितने लोग मारे गए या घायल हुए हैं। अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के विदेश नीति सलाहकार, हिकमत हाजीयेव ने बताया कि वह सिर्फ सैन्य टार्गेट को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सटीक टार्गेट पर हमला करने वाले हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन आर्मेनिया आम लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
आर्मेनिया के प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन – 1994 में अलगाववादी युद्ध के अंत में नागोर्नो-काराबाख और आसपास के इलाके आर्मेनियाई सेना के समर्थन वाले जातीय आर्मेनियाई बलों के नियंत्रण में आ गया। 2020 में युद्ध के बाद अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्रों और हिस्सों पर फिर कब्जा हासिल कर लिया। आर्मेनिया का कहना है कि उसके सशस्त्र बल काराबाख में नहीं हैं और अजरबैजान के साथ उसकी सीमा पर स्थिति स्थिर है। आर्मेनियाई राजधानी येरेवन में प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है।