एक तरफ रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है तो दूसरी तरफ इजरायल और हमास भिड़े हुए हैं। इस बीच रूस की परमाणु चलित पनडुब्बी इम्पीरेटर अलेक्जेंडर-3 ने न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम बुलावा बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘बैलिस्टिक मिसाइल दागना टेस्ट का अंतिम तत्व है, जिसके बाद क्रूजर को नौसेना में शामिल करने का निर्णय लिया जाएगा।’ राष्ट्रपति पुतिन लगातार परमाणु ताकत को बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि यह सब सुरक्षा से जुड़े खतरे का मुकाबला करने के लिए है।
यूक्रेन पर जबसे पुतिन ने हमला किया है तब से रूस और पश्चिमी देशों के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। रूस की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह मिसाइल रूस के उत्तरी तट के पास सफेद सागर में पानी के नीचे लॉन्च की गई। अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल ने रूस के सुदूर पूर्व में मौजूद कामचटका प्रयाद्वीप पर एक टार्गेट पर हमला किया। इस दौरान मिसाइल ने हजारों किमी का सफर तय किया। हालांकि मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि टेस्ट कब किया गया।
क्या है बुलावा मिसाइल की खासियत – बोरेई क्लास पनडुब्बी 16 बुलावा मिसाइल और आधुनिक टारपीडो हथियार से लैस है। रूसी न्यूज एजेंसी टास ने कहा कि पुतिन ने दिसंबर में इम्पीरेटर अलेक्जेंटर 3 पनडुब्बी लॉन्चिंग के समारोह में हिस्सा लिया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नौसेना के पास बोरेई क्लास की तीन परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बियां हैं। एक का परीक्षण पूरा हो गया है। तीन अभी निर्माणाधीन हैं। बुलावा मिसाइल की बात करें तो यह 12 मीटर लंबी है, जिसकी रेंज लगभग 8000 किमी है। यह अपने साथ 6 न्यूक्लियर हथियार ले जा सकती है। रूसी नौसेना की यह एक बड़ी ताकत है।
क्या फिर से परमाणु परीक्षण करेगा रूस – राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को उस विधेयक पर हस्ताक्षर किए जिसमें वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध को रूस के समर्थन को रद्द करने की बात कही गई है। मॉस्को ने कहा कि यह कदम अमेरिका के साथ समानता स्थापित करने के लिए आवश्यक था। पुतिन ने कहा कि व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि, जिसे CTBT के रूप में भी जाना जाता है, के समर्थन को रद्द करना अमेरिका की ओर से अपनाए गए रुख को ‘प्रतिबिंबित’ करेगा, जिसने परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर तो किए हैं लेकिन अमेरिकी संसद ने इसका अनुमोदन नहीं किया है। रूसी संसद के दोनों सदनों ने पिछले महीने विधेयक को रूस के अनुमोदन को रद्द करने के लिए मतदान किया था।
सीटीबीटी को 1996 में अपनाया गया था और यह दुनिया में कहीं भी परमाणु विस्फोटों पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन संधि कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हुई। अमेरिका के अलावा, इसे अभी तक चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया, इजराइल, ईरान और मिस्र की ओर से अनुमोदित किया जाना बाकी है। इस बात को लेकर व्यापक चिंताएं हैं कि रूस, यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखने से पश्चिम को हतोत्साहित करने के लिए परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है।
Home / News / यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने दिखाई न्यूक्लियर ताकत, महाविनाशक परमाणु मिसाइल बुलावा का किया टेस्ट, नई पनडुब्बी से दागा हथियार