
इजरायल-हमास युद्ध बीच यमन के ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों और अमेरिका के बीच तनाव गहराता जा रहा है। हूती विद्रोहियों ने अमेरिका के सबसे शक्तिशाली ड्रोन एमक्यू 9 को मार गिराया है। अमेरिकी सेना का मध्य कमान अब इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। वहीं हूती विद्रोहियों ने इस हमले जिम्मेदारी ली है। पहले रूस और अब हूती विद्रोहियों के इस रीपर ड्रोन को तबाह करने से करोड़ों डॉलर के इस यूएवी की क्षमता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। यह वही ड्रोन है जिसे भारत चीन और पाकिस्तान के खतरे से निपटने के लिए खरीद रहा है। भारत और अमेरिका के बीच 31 रीपर ड्रोन के लिए 3.5 अरब डॉलर में समझौता हुआ है।
अमेरिका ने बताया है कि हूती विद्रोहियों ने जब इस ड्रोन को मार गिराया वह उस समय अंतरराष्ट्रीय समुद्री इलाके में उड़ रहा है। इससे पहले हूती विद्रोहियों ने जब इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया था तब अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस कार्ने ने उन्हें बीच रास्ते में ही मार गिराया था। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी युद्धपोत ने 9 घंटे के अंदर हूतियों की 4 क्रूज मिसाइल और 15 ड्रोन विमानों को मार गिराया था। अपने सबसे शक्तिशाली ड्रोन के मार गिराए जाने से गुस्साए अमेरिका ने सीरिया में ईरान से जुड़े कई ठिकानों को तबाह कर दिया।
रूस के फाइटर जेट ने कर दिया था बर्बाद – भारत के अलावा पोलैंड भी रूस के खतरे से निपटने के लिए अमेरिका के इन रीपर ड्रोन की बड़े पैमाने पर खरीद कर रहा है। हूती जैसे एक विद्रोही संगठन के इस अत्याधुनिक ड्रोन को मार गिराने से करोड़ों डॉलर के इस ड्रोन की क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले रूस के विमान ने इसके ऊपर तेल गिराकर उसे काला सागर के अंदर डूबो दिया था। बता दें कि पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इस ड्रोन को लेकर समझौता हुआ था। भारत साढ़े 3 अरब डॉलर में अमेरिका से 31 रीपर ड्रोन खरीद रहा है। ये ड्रोन भारतीय सेना के तीनों अंगों को दिए जाएंगे। यही नहीं भारत के रक्षा प्लानिंग में इन ड्रोन विमानों की बड़ी भूमिका होने जा रही है।
जानें कितना ताकतवर है अमेरिकी रीपर ड्रोन – अमेरिकी वायुसेना का दावा है कि रीपर ड्रोन का इस्तेमाल मुख्य रूप से जासूसी के लिए किया जाता है लेकिन इसके जरिए किसी लक्ष्य को तबाह भी किया जा सकता है। इसके जरिए राहत और बचाव, रास्ता साफ करने तथा छापा मारने के कार्य को भी अंजाम दिया जा सकता है। इसमें सेंसर और शक्तिशाली कैमरे लगे होते हैं जो लगातार अपने ठिकाने तक वीडियो फीड भेजते रहते हैं। इसमें 8 लेजर गाइडेड मिसाइलें, हवा से जमीन करने वाली मिसाइलें हेलफायर लगी होती हैं। ये मिसाइले किसी भी लक्ष्य को उड़ाने के लिए पर्याप्त हैं। इसके जरिए किसी शक्तिशाली टैंक तक को उड़ाया जा सकता है। इसके अलग करके एक कंटेनर में भरकर सी-130 विमान से कहीं भी ले जाया जा सकता है।
Home / News / अमेरिका का MQ-9 रीपर ड्रोन क्या सफेद हाथी है? हूतियों ने मार गिराया, भारत खर्च कर रहा अरबों डॉलर
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