
काबुल. कुछ दिन पहले तालिबान ने कहा था कि भारत 40 साल से अफगानिस्तान में नकारात्मक भूमिका निभाता आया है। अब अफगानिस्तान सरकार ने इसका जवाब दिया है। अफगानिस्तान सरकार ने कहा- भारत वो देश है, जिसने हमें सबसे ज्यादा दान दिया। सबसे ज्यादा मदद की। दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और ये संबंध अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से हैं।
भारत शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगा
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवड ने एक इंटरव्यू में तालिबान के आरोप खारिज कर दिए। हेवड ने कहा- भारत ने हमेशा अफगानिस्तान के विकास में सहयोग किया है। हमें उम्मीद है कि वो शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अफगानिस्तान को सबसे ज्यादा दान देने वाले देशों में से एक है। यहां विकास और पुनर्निर्माण में भी योगदान दे रहा है। हम आशा करते हैं भारत और अन्य पड़ोसी देश अफगानिस्तान में शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’
तालिबान ने कहा- भारत ने भ्रष्ट लोगों का साथ दिया
कतर में तालिबान का ऑफिस है। यहां राजनीतिक मामले मौलाना अब्बास स्टेनकजई देखता है। उसने एक इंटररव्यू में कहा था, “भारत ने पिछले 40 सालों से अफगानिस्तान में नकारात्मक भूमिका निभाई। भारत ने केवल उन लोगों की मदद की और उनसे ही संबंध बनाए जो भ्रष्ट हैं, उन्हें अफगानी लोगों ने नहीं चुना है। विदेशियों ने उन्हें गद्दी पर बिठाया। भारत को अफगान की शांति प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।”
भारत के संपर्क में अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में शांति और सुलह के लिए अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीलजाद भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। वो अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने की कोशिशों के तहत भारत यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने भारत से इस मामले में सहयोग मांगा था।
जानकार बोले- पाकिस्तान की मांग पर ऐसे बयान दे रहा तालिबान
अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक खालिद सदत ने तालिबान के बयान पर कहा, “अगर तालिबान ऐसे ही बयान देता रहा तो भविष्य में अफगानिस्तान के राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। तालिबान पाकिस्तान की मांग पर इस तरह के बयान दे रहा है। भारत और पाकिस्तान में हमेशा दुश्मनी रही। पाकिस्तान अब तक अफगानिस्तान में तालिबान के जरिए प्रॉक्सी वॉर चला रहा है। तालिबान को सभी देशों के साथ के लिए अच्छे संबंधों को बढ़ावा देना चाहिए।”
सोमवार को तालिबान ने कहा- कश्मीर भारत का आंतरिक मामला
तालिबान ने सोमवार को सोशल मीडिया के तमाम उन दावों को नकारा है कि, जिसमें कहा जा रहा था कि वह कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद में शामिल हो सकता है। उसने कहा है कि तालिबान की स्पष्ट नीति है कि वह दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्ताक्षेप नहीं करता है।
अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘कश्मीर में जिहाद में तालिबान के शामिल होने वाली खबरें गलत हैं। इस्लामिक अमीरात की नीति स्पष्ट है कि यह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है।’’ इस्लामिक अमीरात को तालिबान की पॉलिटिकल विंग माना जाता है।
सोशल मीडिया पर नज़र रखने वाले अधिकारियों ने दावा किया था कि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि कश्मीर विवाद का हल होने तक भारत के साथ दोस्ती करना असंभव है। इसके साथ ही उसने काबुल में कब्जा करने के बाद कश्मीर पर कब्जा करने की बात कही थी। बाद में तालिबान ने स्पष्ट किया कि ये बात निराधार है।
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