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पहलगाम हमले के बाद आया पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आया पहला बयान, भारत के खिलाफ उगला जहर, मुसलमानों के नाम पर रोए


पहलगाम में मंगलवार को हुआ आतंकी हमला घाटी के पर्यटन क्षेत्र के केंद्र में है, जिसमें 2018 से लगातार वृद्धि देखी गई है। अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों ने घाटी में पर्यटन के मौसम को चुना है, जब घास के मैदान और मुगल उद्यान को देखने हजारों पर्यटक आते हैं।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का पहला बयान सामने आ गया है। और फितरत के मुताबिक ही पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने मुसलमानों का राग अलापा है। पाकिस्तानी मीडिया को दिए गये एक टेलीफोन बयान में ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि “पहलगाम हमले से पाकिस्तान का कोई लेना देना नहीं है।” लेकिन इसके बाद उन्होंने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी चैनल से टेलीफोन पर बात करते हुए कहा कि “पाकिस्तान का इससे कोई ताल्लुक नहीं है। भारत के अंदर कई संगठन हैं, उनमें घरेलू स्तर पर बगावते हैं, एक दो नहीं, दर्जनों के हिसाब से हैं। नागालैंड से लेकर कश्मीर तक हैं। साउथ में, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में।”
ख्वाजा आसिफ ने जहर उगलते हुए कहा कि “ये कई जगहों पर हैं और दिल्ली में जो हुकूमत है, उसके खिलाफ बगावत हुई पड़ी है। ये घर में पनपा हुआ है। लोग हक मांग रहे हैं। हिंदुत्व हुकूमत जो लोगों का शोषण कर रही है, अल्पसंख्यकों को, जिनमें मुसलमान भी हैं, ईसाई भी हैं, बौद्ध भी हैं, उसके खिलाफ बगावत है। जो वहां पर हो रहे हैं। हमारा इसके साथ कोई ताल्लुक नहीं है। हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को कहीं भी सपोर्ट नहीं करते हैं।”
वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने भारत की केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से बताया है कि, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को बैसरन में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं, उसे प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह के एक ग्रुप द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया है। जनवरी 2023 में गृह मंत्रालय ने आतंकवादी गतिविधियों पर प्रचार, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत टीआरएफ को एक “आतंकवादी संगठन” घोषित किया था। टीआरएफ, कश्मीर के पत्रकारों को धमकियां दे रहा था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया था।
दूसरी तरफ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि “हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को समर्थन नहीं करते हैं। बेगुनाह लोग कहीं भी इस किस्म की स्थानीय जंगों में निशाना नहीं बनना चाहिए। कहीं पर फौज और पुलिस जुल्म ढा रही है, तो लोकल लोगों में नाराजगी है। ऐसे में पाकिस्तान पर इल्जाम लगाना ठीक नहीं है। हमारे पास कई सबूत हैं। इसका लंबा इतिहास है। लेकिन अगर कहीं पर लोग हक के लिए आवाज उठा रहे हैं, हथियार उठा रहे हैं, तो इसमें पाकिस्तान पर इल्जाम लगाना तो बहुत आसान है। हमारे पास बहुत शक हैं कि बलूचिस्तान में भारत का हाथ है।” वहीं भारतीय एजेंसियों का कहना है कि हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है और वो कश्मीर को फिर से अशांत करना चाहता है।