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अमेरिका ने लिया अपने सैनिकों पर हमले का बदला, सीरिया, इराक पर बरसाए बम, ईरान को दिया बड़ा संदेश


अमेरिका की तरफ से सीरिया और इराक पर हमले किए गए हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की तरफ से इस बारे में आधिकारिक जानकारी दी गई है। अमेरिका ने जिन जगहों पर निशाना बनाया है, बताया जा रहा है कि वो ईरान की इस्‍लामिक रेवोल्‍यूशनरी गार्ड्स कोर और ईरान समर्थित संगठनों से जुड़े हुए हैं। सीरिया में अमेरिका ने दो हमले किए हैं। पिछले दिनों ईरान की तरफ से अमेरिकी सैनिकों पर हमले किए गए थे। इसके बाद यह हमले अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की तरफ से इसका बदला लेने की कसम खाई गई थी।
आत्‍मरक्षा का अधिकार – अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने एक बयान में कहा, ‘अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता है और आगे की दुश्‍मनी में शामिल होने का उसका कोई इरादा या इच्छा नहीं है। लेकिन अमेरिकी सेना के खिलाफ ये ईरानी की मदद से होने वाले हमलों को स्‍वीकार नहीं किया जाएगा और इन्हें हर हाल में रोककर रहेंगे।’ उन्‍होंने आगे कहा कि ईरान इन हमलों में अपने शामिल होने की बात को छिपाना चाहता है और अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना चाहता है। लेकिन अमेरिका, ईरान को ऐसा नहीं करने देगा। ऑस्टिन ने कहा कि सीरिया पर हमले आत्मरक्षा के तौर पर थे और इजरायल-हमास युद्ध से इनका कोई लेना देना नहीं है।
अमेरिका की चेतावनी – व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी अपनी पसंद के समय और पसंद के तरीके पर हमलों का जवाब देगा। किर्बी की टिप्पणी तब आई जब अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिकी और सहयोगी बलों पर इस महीने ईरानी समर्थित आतंकी समूहों द्वारा कम से कम 16 बार हमला किया गया था। इजरायल-हमास युद्ध के फैलने के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी सेना पर हमले बढ़ गए हैं। इस महीने अमेर‍िकी सैनिकों पर हमला तब हुआ जब फिलिस्तीन के आतंकी समूह हमास ने इजरायल पर अचानक हमला बोला।
क्‍यों दिया अमेरिका ने जवाब – बुधवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडने ने कहा कि उन्होंने मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के खिलाफ ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चेतावनी दी थी। बाइडन ने मीडिया से कहा था, ‘अयातुल्ला को मेरी चेतावनी है कि अगर वो उन सैनिकों के खिलाफ आगे बढ़ना जारी रखेंगे, तो हम जवाब देंगे, और उन्हें तैयार रहना चाहिए।’ उन्होंने भी कहा था कि इसका इजरायल से कोई लेना-देना नहीं है। ईरान और अमेरिका के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के सहयोगी मोहम्मद जमशीदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक टिप्पणी में बाइडन की टिप्‍पणी को जवाब दिया था। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका का संदेश न तो इस्लामी क्रांति के नेता के लिए थे और न ही वे ईरानी पक्ष के अनुरोधों के अलावा कुछ और थे।’