अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने यमन के हूती विद्रियों के खिलाफ बड़ा हवाई हमला किया है। अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने रास ईसा तेल बंदरगाह पर भारी बमबारी की है, जिसमें कम से कम 38 लोग मारे गए हैं। अमेरिकी सेना के हमले में 100 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं।
अमेरिकी सेना ने यमन में हूतियों के खिलाफ सबसे बड़ा हमला बोला है। यमन के रास ईसा तेल बंदरगाह पर किए गए अमेरिकी हवाई हमले में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई है। हूती चरमपंथियों से जुड़े मीडिया की रिपोर्ट में इस हमले की जानकारी दी है। अल मसीरा टीवी ने हुदैदाह स्वास्थ्य कार्यालय के हवाले से बताया है कि बृहस्पतिवार देर रात हुए हमलों में 102 लोग घायल भी हुए हैं। अमेरिकी सेना की ‘सेंट्रल कमांड’ ने भी इन हमलों की पुष्टि की है। यह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा 15 मार्च से हूती विद्रोहियों के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के दौरान मारे गए लोगों की सर्वाधिक संख्या है।
घटनास्थल पर बिखरीं नजर आ रहीं लाशें – हूती विद्रोहियों के समाचार चैनल ने हमले के बाद की स्थिति का ग्राफिक फुटेज प्रसारित किया जिसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी नजर आ रही हैं। अमेरिकी सेना की ‘सेंट्रल कमांड’ ने एक बयान में कहा कि ‘अमेरिकी सेना ने ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के लिए ईंधन के इस स्रोत को खत्म करने और उन्हें उस अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए यह कार्रवाई की जो पूरे क्षेत्र को आतंकित करने के हूती प्रयासों को 10 साल से अधिक समय से वित्तपोषित कर रहा है।’
सेंट्रल कमांड ने कहा, ‘इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था। यमन के लोग हूती की अधीनता से वास्तव में आजादी चाहते हैं और शांति से रहना चाहते हैं।’ सेंट्रल कमांड ने हताहतों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। अल मसीरा टीवी ने वीडियो फुटेज शेयर करते हुए अरबी में लिखा है, रास ईसा तेल बंदरगाह को निशाना बनाकर अमेरिकी आक्रामकता के अपराध का शुरुआती फुटेज, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग शहीद हो गए।
हूतियों ने दी अमेरिका को धमकी – अल-मसीरा से बात करते हुए एक हूती अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी दुश्मन के हमले यमनी लोगों को गाजा का समर्थन करने से नहीं रोक पाएंगे, बल्कि उन्हें और मजबूत करेंगे। इस बीच इजराइल की सेना के प्रवक्ता ने कहा कि उसने अमेरिकी हवाई हमले के कुछ घंटों बाद यमन से लॉन्च की गई मिसाइल को रोक दिया था।
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